अतिक्रमण जैसी गतिविधियों को मंजूरी देकर लोगों के जीने के अधिकार को जोखिम में नहीं डाला जा सकता क्योंकि इससे साफ सफाई व मच्छरों जैसी दिक्कतें पैदा होंगी।
ट्रैप्ड हिंदी सिनेमा के लिए नई तरह की फिल्म है। विक्रमादित्य मोटवानी कुशल निर्देशकों की कतार में शामिल हैं। इस बार बिना गाने, कम संवाद और लगभग तामझाम वीहिन एक प्रयोगधर्मी फिल्म उनके खाते में है।