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Search Result : "जीसस एंड मैरी कॉलेज"

बिना स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं डीयू के 22 से ज्यादा कॉलेज

बिना स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं डीयू के 22 से ज्यादा कॉलेज

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 77 कॉलेजों में से 22 से ज्यादा कॉलेज बिना किसी स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं। इससे नाराज विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने नियुक्ति की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने की मांग की है।
समीक्षा – की एंड का

समीक्षा – की एंड का

निर्देशक आर बाल्की की नई फिल्म की एंड का देख कर यह तो समझ में आता है कि आर. बाल्की दूर तक सोचते हैं और बहुत गहरा सोचते हैं।
अरसे बाद स्वरूप संपत परदे पर

अरसे बाद स्वरूप संपत परदे पर

लंबा वक्त बीत गया है जब रंगकर्मी और गुजराती फिल्मों का जाना-पहचाना नाम स्वरूप संपत परदे पर आई थीं। यह जो है धारावाहिक की संपत लंबे अर्से बाद हिंदी फिल्मी परदे पर नजर आएंगी।
चर्चा : कॉलेज परिसर में घूस का पाप। आलोक मेहता

चर्चा : कॉलेज परिसर में घूस का पाप। आलोक मेहता

लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ने शिक्षक द्वारा रिश्वत लेने के दबाव से तंग आकर आत्महत्या कर ली। छात्र को कक्षा में उप‌स्थिति के रिकॉर्ड के आधार पर परीक्षा प्रवेश पत्र मिलने से शिक्षक रोक रहा था। छात्र ने एक बार 20 हजार रुपया दे भी दिया और घूसखोर शिक्षक ने ज्यादा रकम मांगी। ऐसी मानसिक प्रताड़ना संपूर्ण शिक्षा-व्यवस्था और शासकीय तंत्र के लिए शर्मनाक है।
ब्रिटेन के राजकुमार विलियम और केट 10 अप्रैल को आएंगे भारत

ब्रिटेन के राजकुमार विलियम और केट 10 अप्रैल को आएंगे भारत

ब्रिटेन के राजकुमार विलियम और उनकी पत्नी केट मिडलटन अपने पहले दौरे पर 10 अप्रैल को भारत पहुंच रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान उनका प्रेम की खूबसूरत निशानी ताज महल का भी दीदार करने का कार्यक्रम है।
अब एएमयू कैंटीन की मेन्यू में बीफ की पेशकश पर विवाद

अब एएमयू कैंटीन की मेन्यू में बीफ की पेशकश पर विवाद

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में अब बीफ परोसे जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया के जरिये मुद्दे को और बढ़ा- चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। हालांकि विश्वविद्यालय ने पूरे प्रकरण को एक साजिश बताया है वहीं दक्षिणपंथी संगठनों ने धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है।
मुट्ठी के मुहाने पर तरक्की का आसमान

मुट्ठी के मुहाने पर तरक्की का आसमान

‘शाश्वत विकास से हरियाली, स्वच्छ वातावरण, सभी के लिए समृद्धि, युद्ध के भयरहित शांति और विश्व में सभी देशों में सभी नागरिकों के लिए खुशनुमा स्थान को प्राप्त करने का सामर्थ्य मिलता है।’ स्वर्गीय डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के यही वे आखिरी शब्द हैं जो उन्होंने 17 जुलाई 2015 को शिलांग के एक व्याख्यान में कहे थे।
चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

लोकतंत्र में असहमति् और प्रतिपक्ष अपरिहार्य है। भारी बहुमत के बावजूद सत्तारूढ़ पक्ष को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मंत्री या अधिकारी निरंकुश न हो जाएं। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र से पहले प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ्‍ा बैठक की सही पहल की है।
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