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Search Result : "जेडीयू घोषणापत्र"

सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण का कार्ड उप्र में खेलेगी कांग्रेस

सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण का कार्ड उप्र में खेलेगी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हर तरीके की रणनीति अपनाने में जुट गई है। इसके लिए पार्टी अपने घोषणा पत्र में गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देने पर भी विचार कर रही है।
पंजाबः माफी के लिए स्वर्ण मंदिर में सेवा करेंगे केजरीवाल

पंजाबः माफी के लिए स्वर्ण मंदिर में सेवा करेंगे केजरीवाल

पंजाब में युवाओं के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र के मुख्य पृष्ठ पर स्वर्ण मंदिर की तस्वीर का इस्तेमाल करने और इस पर अपने चुनाव चिह्न ‘झाड़ू’ की तस्वीर छापने के मामले में पार्टी खासी आलोचना हो रही है।
संसदीय कमेटी करे क़ैराना की जांच : केसी त्यागी

संसदीय कमेटी करे क़ैराना की जांच : केसी त्यागी

उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले क़स्बे क़ैराना में कुछ सांसदो के साथ दौरा कर लौटे जेडीयू के राज्यसभा सदस्य केसी त्यागी दावा करते हैं कि क़ैराना से पलायन के दावे सरासर बकवास हैं । बक़ौल उनके, विधानसभा चुनावों की आहट से भाजपा बेचैन है और इसीलिए हवाई मुद्दे गढ़ रही है । पेश है केसी त्यागी से रवि अरोड़ा की इसी मुद्दे पर हुई खास बातचीत के कुछ अंश -
संसद भवन एनेक्सी में लगी आग, चल रही थी जेडीयू की बैठक

संसद भवन एनेक्सी में लगी आग, चल रही थी जेडीयू की बैठक

संसद भवन एनेक्सी में रविवार को अचानक एक कमरे में आग लग गई। कमरा नं 212 में आग लगने से थोड़ी देर के लिए अफरा-तफारी मच गई लेकिन फौरन ही उस पर काबू पा लिया गया। जिस समय यह आग लगी उसी समय एनेक्सी में ही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी।
सत्ता के ऊपर ज्ञान, व्यक्तियों के ऊपर विवेक

सत्ता के ऊपर ज्ञान, व्यक्तियों के ऊपर विवेक

चुनिंदा नायकों या खलनायकों की भूमिका पर जरूरत से ज्यादा जोर देने के कारण इतिहास का सम्यक विवेचन नहीं हो पाता। जैसे गांधी, नेहरू, पटेल, जिन्ना और माउंटबेटन पर ज्यादा जोर देने से हमें भारत विभाजन के बारे में कई जरूरी प्रश्‍नों के उत्तर नहीं मिलते। मसलन, देसी मुहावरे में आम जनता को अपनी बात समझाने में माहिर और उनमें आजादी के लिए माद्दा जगाने वाले गांधी अपने तमाम सद्प्रयासों के बावजूद नाजुक ऐतिहासिक मौके पर आम हिंदू-मुसलमान को एक-दूसरे के प्रति सांप्रदायिक दरार से बचने की बात समझाने में क्यों विफल रहे, नोआखली जैसी अपनी साक्षात उपस्थिति वाली जगह को छोडक़र? जिन्ना की महत्वकांक्षा और जिद को कितना भी दोष दें, कलकत्ता और अन्य जगहों का आम मुसलमान क्यों उनके उकसावे पर पाकिस्तान हासिल करने के लिए खून-खराबे पर उतारू हो गया?