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Search Result : "टॉयलेट : एक प्रेम कथा"

युद्ध या प्रेम: हम किस चीज से प्यार करें?

युद्ध या प्रेम: हम किस चीज से प्यार करें?

मास्को की मुलाकात कोई औपचारिक इंटरव्यू नहीं थी। न ही यह लुक-छिपकर की गई कोई भेंट थी। बढ़िया बात यह थी कि हमारा मिलना किसी सतर्क, कूटनीतिक, औपचारिक एडवर्ड स्नोडेन से नहीं हुआ। अफसोस की बात यह है कि कमरा नंबर 1001 में हुए मजाकों, हास्य और मसखरेपन को उसी तरह व्यक्त नहीं किया जा सकता।
प्रेम रतन ‘धन’ पायो

प्रेम रतन ‘धन’ पायो

सूरज बड़जात्या के प्रेम को सौ करोड़ रुपये मिल गए हैं। वह भी हफ्ते भर से कम समय में। लेकिन इस बार प्रेम को सिर्फ धन मिला है, साख नहीं।
उषाकिरण खान की कहानी: राधा नागरि

उषाकिरण खान की कहानी: राधा नागरि

पद्मश्री से सम्मानित हिंदी -मैथिली की चर्चित लेखिका। भामति एक अविस्मरणीय प्रेम कथा के लिए मैथिली का साहित्य अकादमी पुरस्कार। सृजनहार उपन्यास के लिए कुसुमांजलि फाउंडेशन पुरस्कार।
रूमानी अहसास के दीये

रूमानी अहसास के दीये

प्रेम रतन धन पायो को आने में अभी वक्त है। हर थोड़े अंतराल के बाद इस फिल्म के गाने रीलिज हो रहे हैं। सूरज बड़जात्या मार्का फिल्मों की तरह यह फिल्म भी रोमांस का नया आगाज करेगी।
प्रकृति करगेती की कहानी: ठहरे हुए से लोग

प्रकृति करगेती की कहानी: ठहरे हुए से लोग

प्रकृति करगेती की यह पहली कहानी है। इसी कहानी पर उन्हें प्रतिष्ठित राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक प्रकृति मुंबई में नेटवर्क 18में प्रोमो प्रोड्यूसर के पद पर काम करती हैं। कहानी लिखने से पहले प्रकृति कविताएं लिखती रही हैं। पहाड़ों के नाम लिखी गई उनकी कविताएं कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
आते ही छा गया प्रेम

आते ही छा गया प्रेम

सलमान खान यदि छींक भी दें तो उनके प्रशंसक उस खबर को जानना चाहते हैं। फिर यहां तो बात उनकी आने वाली नई फिल्म की है। दीवाली के मौके पर उनकी नई फिल्म प्रेम रतन धन पायो आने वाली है और हंगामा है कि अभी से बरप रहा है।
प्रेम रतन धन पायो की पहली झलक

प्रेम रतन धन पायो की पहली झलक

सलमान खान ने इस दिवाली पर रिलीज होने जा रही सूरज बड़जात्या की फिल्म प्रेम रतन धन पायो से परदा हटा दिया है। और इसमें वह नीले रंग का कुर्ता और धोती में नजर आ रहे हैं।
विश्व हिंदी सम्मेलन कथा

विश्व हिंदी सम्मेलन कथा

झीलों के शहर से हिंदी की सुरलहरी की अनुगूंज विश्व भर में गूंजी। देश-विदेश से आए लोग इस दिवस का हासिल है। साक्षीजनों के बीच से जो संदेश निकलकर आया, उसके अर्थ और निमित्त बहुत ही दूरगामी है।
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