![चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी](https://outlookhindi-assets.s3.ap-south-1.amazonaws.com/public/uploads/article/gallery/975c0406c0bb7eb56c3d60cd6ef87137.jpg)
चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भाषा की भक्ति बहिष्कृत करने वाली नहीं होनी चाहिए बल्कि यह सम्मिलित करने वाली होनी चाहिए। हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है लेकिन उन्हें हिंदी की ताकत का अहसास है। हिंदी के बिना आज वह यहां तक नहीं पहुंचते।