भारत में जासूसी प्रकरण में पकड़ा गया पाकिस्तानी उच्चायोग का निष्कासित कर्मचारी महमूद अख्तर ने खुलासा किया है कि पाक उच्चायोग में 16 और ऐसे कर्मचारी है जो जासूसी के कार्य में शामिल है। अख्तर ने इन कर्मचारियों के नाम भी बताएं हैं। उसने आरोप लगाया है कि ये सभी कर्मचारी भारत में पाक के लिए जासूसी में शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस ने जासूसी के मामले में संलिप्त दो लोगों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस ने इन जासूसों के सरगना और पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया। भारत सरकार ने उक्त अधिकारी को अनधिकृत ठहराते हुए देश छोड़ने को कहा है।
सिंधू जल संधि तोड़ने की धमकी और पूरी दुनिया में पाकिस्तान को अलग-थलग कर देने की भारत की चाल से वहां के राजनेता अपनी सरकार के खिलाफ बुरी तरह भड़के हुए हैं। इन नेताओं में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सबसे अधिक नाराजगी है और उन्हें लगता है कि नवाज भारत की कूटनीति के खिलाफ बुरी तरह विफल साबित हुए हैं।
तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान के उत्तरपूर्व में स्थित कुंदुज शहर पर आज एक बड़ा हमला किया है जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। अफगानी सुरक्षा बल के जवान इस हमले का डटकर मुकाबला कर रहे हैं और पिछले कई घंटो से मुठभेड़ जारी है।
रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को देश का गौरव बताते हुए अभिनेता अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, सलमान खान और एआर रहमान सहित कई बॉलीवुड अभिनेताओं ने उन्हें बधाई दी है।
चर्चित फिल्म पीपली लाइव के सह निर्देशक महमूद फारुखी को अमेरिकी महिला से बलात्कार के दोष में 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है। यह अमेरिकी शोध छात्रा अपने काम के सिलसिले में फारूखी के संपर्क में आई थी और उसका आरोप था कि फारुखी ने 28 मार्च, 2015 को अपने निवास पर जबरन उसके साथ संबंध बनाए।
पेरिस में अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ बैठक के बाद फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि इस्राइल के साथ शांति वार्ता की कोई भी शुरआत एक निश्चित समय सीमा के साथ और अंतरराष्ट्रीय देखरेख के अंतर्गत होनी चाहिए।
दिल्ली की एक अदालत ने फिल्म 'पीपली लाइव' के सह निर्देशक महमूद फारुकी को एक अमेरिकी महिला से बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया है। फारूकी की सजा पर 2 अगस्त को अदालत फैसला करेगी।
युवाओं को आइएसआइएस और अन्य आतंकी संगठनों के प्रति आकर्षित होने से रोकने के लिए यहां के इमाम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं। वह सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को इस्लाम का सही अर्थ समझाएंगे और शांति के संदेश का प्रसार करेंगे।