केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सुरेश प्रभु, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, जदयू नेता शरद यादव तथा तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक तथा द्रमुक के सभी प्रत्याशी नामांकन वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद आज राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए। वहीं कई राज्यों में पार्टी प्रत्याशियों की सांसें अभी अटकी हुई हैं। इन राज्यों में सीट से अधिक उम्मीदवार हो जाने की वजह से अंतिम फैसला 11 जून को मतदान के जरिये होगा।
नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (डीआर) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु की नवनियुक्त सरकार के 24 मंत्री करोड़पति हैं और आठ के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है। वहीं केरल में बनी नई वाम मोर्चा की सरकार में पांच मंत्री करोड़पति हैं और 17 के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं।
बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर ममता बनर्जी और उनके नए कैबिनेट सहयोगी 27 मई को जब शपथ लेंगे, तब उस समारोह में केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू भी मौजूद रहेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर वहां जाएंगे। शपथ ग्रहण के 48 घंटा पहले कोलकाता से सटे न्यू टाउन को ‘स्मार्ट सिटी` की लिस्ट में शामिल कर केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी संकेत तो दे ही दिया है। माना जा रहा है कि यह तो अभी शुरुआत है। अगले कुछ दिनों में बंगाल में केंद्र की ओर से विशेष पैकेज की झड़ी लगने वाली है। यह स्थिति बंगाल के साथ ही नहीं, तमिलनाडु के साथ भी रहने वाली है।
असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल में ऊंचे जयघोष के साथ पांच साल के लिए चुनी सरकार के जश्न हो रहे हैं। दिल्ली और विभिन्न राज्यों में दशहरा-दीवाली की तरह मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ के लिए जारी धूमधाम लगभग 10 दिन चलने वाले सफलता उत्सव का शोर है।
अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता ने सोमवार को छठीं बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्य में 32 साल का इतिहास बदलते हुए जयललिता ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए आज शपथ ली है। उनके शपथ ग्रहण समारोह में द्रमुक ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जबकि राज्य में अब तक विपक्ष के शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहने का चलन रहा है।
सताइस साल पहले तमिलनाडु की सियासत में ऐसा मोड़ आया कि एक सरकार पांच साल से ज्यादा नहीं चलती। हर पांच साल बाद सरकार बदलने की इस प्रक्रिया को इस बार जयललिता ने तोड़ दिया। इससे पहले तमिलनाडु की सियासत में डीएमके और एआईडीएमके की सरकारे रही हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मतगणना के प्रारंभिक रूझानों में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस अपने प्रतिद्वंद्वी वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन से काफी आगे चल रही है जबकि असम में भाजपा बढ़त बनाए हुए है। तमिलनाडु में जयललिता की अन्नाद्रमुक और केरल में वाममोर्चा गठबंधन एलडीएफ आगे चल रहा है।
असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल विधानसभा चुनाव में मतदान होने तक धन के मायाजाल की काली छाया दिखाई दी। चुनाव आयोग की चेतावनी और निगरानी की भी सीमा होती है।
सोमवार की शाम तमिलनाडू, केरल और पुडूचेरी में मतदान खत्म होने के साथ ही पांच राज्यों का चुनाव संपन्न हो गया। 19 मई को आने वाले नतीजों से पहले जारी विभिन्न एक्जिट पोलों ने राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। सभी एक्जिट पोल थोड़े-बहुत सीटों के अंतर के साथ लगभग एक जैसे परिणाम की ओर ही इशारा कर रहे हैं। ज्यादातर एक्जिट पोल असम और केरल में कांग्रेस की करारी हार तो भाजपा को असम और माकपा नीत एलडीएफ को केरल में सरकार बनाते हुए दिखा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के एक्जिट पोल में ममता बनर्जी को एक बार फिर विजयी रथ पर सवार बताया जा रहा है।