अब समय आ गया है कि इस्लाम के ऐसे विचार और उनके अनुसरण को रोका जाए, जो धर्म के नाम पर हिंसा और मारकाट को बढ़ावा दे रहे हैं। कटटरपंथी बनने की बजाए मुस्लिम युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए ताकि उनके मन में एक अच्छे और उदार मुस्लिम बनने की भावना पैदा हो। यह काम अभिभावक, शिक्षक और मुस्लिम विद़वान मिल-जुलकर कर सकते हैं। मुस्लिम अभिभावक अपने बच्चों के मानसिक विकास पर ध्यान दें।
जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले में शहीद जवान वीर सिंह के अंतिम संस्कार में उनकी जाति को लेकर बवाल खड़ा कर दिया गया। मामले को तूल पकड़ता देख प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद शहीद का अंतिम संस्कार कराया गया।
तमिलनाडु के बाढ़ पीड़ित इलाकों का हवाई सर्वे करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक गलत फोटो जारी होने के बाद केंद्र सरकार इस तरह की गड़बड़ियों को लेकर सतर्क हो गई है। ऐसी गलतियों से बचने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर यानी एसओपी) निर्धारित कर रहा है।
चुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लड़ने-लड़ाने वालों को छोड़कर सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे हैं। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर होता है। उसे अमेरिकी चुनाव की भी अंदरुनी जानकारी होती है तो यह कैसे कह सकते हैं कि बिहार में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत और उसके तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और म्यांमार को उन 22 देशों की सूची में शामिल किया है जो सबसे अधिक मात्रा में अवैध मादक पदार्थ का उत्पादन करते हैं या उनकी सर्वाधिक अवैध तस्करी में शामिल हैं।
तुर्की जलक्षेत्र में डूबे सीरियाई बच्चे की भयावह तस्वीरों ने पूरी दुनिया में लोगों की संवेदनाओं को झकझोर दिया है। तट पर मृत पड़े मिले तीन वर्षीय आयलान कुर्दी की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल होने के साथ ही यूरोप में शरणार्थी संकट पर बहस तेज छिड़ गई है। दुनिया भर में इस संकट की चर्चा हो रही है। यह बच्चा अपने परिवार के साथ नौका में सवार होकर यूनान जा रहा था लेकिन नौका बीच में ही डूब गई। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से यह अब तक का सबसे भीषण शरणार्थी संकट बताया जा रहा है।
सलमान चाहें तो सन 2015 को मुकदमे वर्ष के रूप में मना सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने के लिए उनके पास पर्याप्त कारण हैं। मुकदमे तो उन पर बहुत से हैं, पुराने भी हैं पर इस बार वह जितनी बार अदालत गए, पेशी के लिए समय निकाला उतनी बार वह कभी अदालत नहीं गए।
सोशल मीडिया ही नहीं मुख्यधारा के मीडिया में भी कई पुरानी तस्वीरों को म्यांमार सीमा पर हुई सैन्य कार्रवाई की तस्वीरों के तौर प्रचारित किया जा रहा था। लेकिन इन कोशिशों की पोल जल्द ही खुल गई।