पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को सबूतों की कमी के चलते बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में बरी किया जा सकता है। मुशर्रफ के वकील ने मंगलवार को बताया कि मामले के प्रमुख गवाह उन्हें आरोपित करने वाले अपने बयानों से पलट गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री भुट्टो की 2007 में रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी। वह एक चुनावी रैली को संबोधित करके एक पार्क से बाहर निकल रहीं थीं।
आलोचना (त्रैमासिक) पत्रिका के अंक 53-54 के प्रकाशन के उपलक्ष्य में ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर साहित्य अकादमी-सभागार में आयोजित परिचर्चा में युवाओं की भागीदारी जबरदस्त रही। दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सहित अन्य अकादमिक संस्थानों के छात्रों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। युवाओं ने जनतंत्र से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी। एक युवा ने सवाल खड़ा किया कि आखिर क्यों ‘आलोचना’ पहले जैसी नहीं होती ! जिसकी आलोचना होती है वह और मजबूत क्यों हो जाता है।