शहर के कुछ विशेष रूप से सक्षम लोग अड़चनों को पार करके हाथी के मल से पारिस्थितिकी के लिहाज से अनुकूल कागज बनाकर कमाई कर रहे हैं और इस कागज की अच्छी मांग है खासतौर पर विदेशी पर्यटकों के बीच।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 2.26 रुपये तथा डीजल के मूल्य में 1.78 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की योजना टाल दी है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेटोलियम कारपोरेशन तथा हिंदुस्तान पेटोलियम कारपोरेशन (एचपीसीएल) प्रत्येक महीने की पहली और 16 तारीख को पिछले पखवाड़े में अंतरराष्टीय बाजार में औसत कीमत के आधार पर दरों में संशोधन करती हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि अमेरिका के भारत को प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा देने के फैसले से भारत, अमेरिका का जूनियर सहयोगी बन जाएगा। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इससे भारतीय रक्षा बल और रक्षा उत्पादन अमेरिकी निगरानी और नियंत्रण के लिए उपलब्ध हो जाएंगे।
देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में अक्तूबर में गिरावट रही। पूंजीगत सामान के उत्पादन में कमी तथा विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 1.9 प्रतिशत घटा है।
सर्दियों में ठंडक और खुशकी बढ़ जाने से बाल रुखे हो जाते हैं। गर्म पानी से बाल धोने से बाल खुश्क हो जाते है। सर्दियों के मौसम में खुश्की की वजह से रूसी की समस्या भी गंभीर हो जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए गर्म तेल से मालिश फायदेमंद रहती है।
भारत को बेईमानों से मुक्ति दिलाने का संकल्प दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम के आगे लंबी कतारें लगने पर आज कहा कि मिटटी का तेल और चीनी के लिए 70 साल से कतारें लगा रही जनता से वह आखिरी बार कतार लगवा रहे हैं।
भारत में चाय का उत्पादन मुख्य तौर पर उत्तर बंगाल में ही होता है। लेकिन अब यहां कि स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। इलाके में बड़ी संख्या में बंद और खस्ताहाल चाय बागानों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी बेचैनी बढ़ा दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि कृषि आय को दोगुना करने के लिए सिंचाई में निवेश आवश्यक है। इसमें नाबार्ड की धन वितरण को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे किसानाें को उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। उन्हाेंने कहा कि नाबार्ड ने सिंचाई वित्तपोषण के लिए 80,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 19,700 करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष में आएंगे।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के प्रस्तावित चार स्तरीय ढांचे से आम आदमी प्रभावित हो सकता है। इस कर ढांचे के अमल में आने से आम आदमी की रसोई में काम आने वाले खाद्य तेल, मसाले और चिकन जैसा सामान महंगा हो सकता है। अप्रत्यक्ष कर के इस ढांचे में दूसरी तरफ कुछ टिकाऊ उपभोक्ता सामान जैसे टेलीविजन, एयर कंडीशनर्स, फ्रिज और वाशिंग मशीन आदि करों में कमी से सस्ते हो सकते हैं।