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भारत की वृद्धि दर 2015 में सात प्रतिशत रहेगी: मूडीज

भारत की वृद्धि दर 2015 में सात प्रतिशत रहेगी: मूडीज

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने मंगलवार को कहा कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट की मदद से भारत के चालू खाते का घाटा (कैड) निम्न स्तर पर बना रहेगा लेकिन औद्योगिक उत्पादन और निवेश की वृद्धि दर में सुधार की गति धीमी होने के कारण चालू वित्त के दौरान आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत तक सीमित रहेगी।
ONGC ने रूस के तेल क्षेत्र में 15% हिस्सेदारी खरीदी

ONGC ने रूस के तेल क्षेत्र में 15% हिस्सेदारी खरीदी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने रूस के दूसरे सबसे बड़े तेल क्षेत्र वेंकोर में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी 1.3 अरब डालर में खरीदने का समझौता किया है।
तेल कंपनियों को 1,300  करोड़ रुपये की केरोसिन सब्सिडी

तेल कंपनियों को 1,300 करोड़ रुपये की केरोसिन सब्सिडी

वित्त मंत्रालय 30 जून को समाप्त पहली तिमाही के लिए पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली कंपनियों को केरोसिन के लिए।,300 करोड़ रुपये की नकदी सब्सिडी का उपलब्ध कराएगा लेकिन एलपीजी सब्सिडी के बारे में बाद में फैसला किया जाएगा।
महंगा हुआ प्‍याज, दिल्ली-एनसीआर में 50 रुपये किलो

महंगा हुआ प्‍याज, दिल्ली-एनसीआर में 50 रुपये किलो

हर साल की तरह इस बार भी बरसात आते ही प्‍याज महंगा होने लगा है। बढ़ाई की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी एजेंसियों ने प्‍याज की खुदरा बिक्री शुरू कर दी है।
फिर सस्‍ता हो सकता है डीजल-पेट्रोल

फिर सस्‍ता हो सकता है डीजल-पेट्रोल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की लगातार गिरती कीमत के बीच शुक्रवार को होने वाली समीक्षा बैठक में पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में कटौती का फैसला हो सकता है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 53.17 डॉलर प्रति बैरल चल रही है और इस लिहाज से देखा जाए तो पेट्रोल की कीमत 4-5 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती है।
पेट्रोल-डीजल ‌करीब तीन रुपये महंगे

पेट्रोल-डीजल ‌करीब तीन रुपये महंगे

दो हफ्ते के अंदर पेट्रोल और डीजल की कीमते दूसरी बार बढ़ गई हैं। शुक्रवार आधी रात से पेट्रोल सवा तीन और डीजल 3.13 रुपए औऱ डीजल 2.71 रुपये महंगा हो गया है।
पेट्रोलियम कंपनियों का वित्तीय बोझ कम करे सरकार

पेट्रोलियम कंपनियों का वित्तीय बोझ कम करे सरकार

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि तेल एवं गैस उत्खनन करने वाली ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसी सरकारी कंपनियों का शुद्ध मार्जिन कच्चे तेल के दामों में कमी के कारण घट गया है, लिहाजा उन पर वित्तीय बोझ कम किया जाना चाहिए।
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