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Search Result : "त्रिपुरा हिंसक झड़प"

हिंसक घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल में 79% और असम में 82% मतदान

हिंसक घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल में 79% और असम में 82% मतदान

पश्चिम बंगाल में पहले चरण के दूसरे दौर और असम चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण के लिए आज बंपर वोटिंग के साथ मतदान संपन्न हुआ। असम के 61 विधानसभा क्षेत्रों में आज हुए मतदान में 82 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। जबकि पश्चिम बंगाल में 31 सीटों के लिए 79 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम मशीनों में बंद कर दिया।
एनआईटी श्रीनगर: छात्रों को मंत्रालय ने दिया बाद में परीक्षा देने का विकल्प

एनआईटी श्रीनगर: छात्रों को मंत्रालय ने दिया बाद में परीक्षा देने का विकल्प

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने एनआईटी श्रीनगर में बरकरार तनाव के मद्देनजर वहां के छात्रों को बाद में परीक्षा देने का विकल्प दिया है। स्थानीय और बाहरी छात्रों के बीच पिछले दिनों हुए झड़प के बाद संस्थान परिसर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
माणिक सरकार, केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं असम के युवा

माणिक सरकार, केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं असम के युवा

बदलाव की उम्मीद पाले असम के छात्र अपने राज्य में पड़ोसी राज्य त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं। इनमें ज्यादातर मतदाता इस बार के चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे।
हरियाणा: विधेयक पारित, जाटों समेत पांच अन्य जातियों को आरक्षण

हरियाणा: विधेयक पारित, जाटों समेत पांच अन्य जातियों को आरक्षण

हरियाणा विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से जाटों और पांच अन्य समुदायों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण प्रदान करने से संबंधित विधेयक को पारित कर दिया। यह विधेयक जाट समुदाय द्वारा दी गई 3 अप्रैल की समय-सीमा से पहले पारित किया गया है। समुदाय ने पिछले महीने हिंसक आंदोलन छेड़ दिया था।
जाट बहुल इलाकों में तनाव जारी, खट्टर से बदसलूकी

जाट बहुल इलाकों में तनाव जारी, खट्टर से बदसलूकी

हरियाणा के हिसार, हांसी और भिवानी शहरों में आज भी कर्फ्यू लगा हुआ है जबकि जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित रोहतक जिले में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रोहतक का दौरा किया जहां हिंसक स्थिति को रोकने में पुलिस की विफलता के विरोध में गुस्साए लोगों ने उनका घेराव किया।
हरियाणा: जाटों का प्रदर्शन हुआ हिंसक, एक की मौत कई घायल

हरियाणा: जाटों का प्रदर्शन हुआ हिंसक, एक की मौत कई घायल

आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे जाटों का आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 21 लोग घायल भी हो गए। हिंसा पर उतारू भीड़ ने राज्य के वित्त मंत्री के मकान पर हमला बोल दिया और आगजनी की।
डीयू पहुंची जेएनयू की लहर, प्रदर्शन के दौरान झड़प

डीयू पहुंची जेएनयू की लहर, प्रदर्शन के दौरान झड़प

दिल्ली विश्वविद्यालय आज छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अपने समकक्ष छात्रों का समर्थन कर रहे छात्रों के एक समूह के बीच झड़प का गवाह बना। यह समूह देशद्रोह के मामले में जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन कर रहा था।
पटियाला हाउस कोर्ट में वकीलों ने छात्रों, पत्रकारों को पीटा

पटियाला हाउस कोर्ट में वकीलों ने छात्रों, पत्रकारों को पीटा

पटियाला हाउस अदालत के अंदर और बाहर वकीलों के कपड़े पहने लोगों के एक समूह ने आज छात्रों और मीडियकर्मियों सहित कम से कम छह लोगों को पीट दिया। इसी अदालत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई होनी थी।
नेपाल: ताजा झड़प में पुलिस की गोली से तीन लोगों की मौत

नेपाल: ताजा झड़प में पुलिस की गोली से तीन लोगों की मौत

भारत की सीमा से सटे नेपाल के शहर मोरंग में आंदोलनकारी मधेसियों और सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं के बीच गुरूवार को जमकर झड़प हुई। नेपाल में हुई इस ताजा हिंसा की घटना में तीन लोगों की जान चली गई। लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में एक महिला समेत तीन व्यक्तियों की मौत हुई है।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
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