चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि उसके कुछ अधिकारी तिब्बतियों के 81 वर्षीय सर्वोच्च धार्मिक नेता दलाई लामा को चंदा देकर उनकी मदद कर रहे हैं। सरकारी ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने 14वें दलाई लामा को कथित तौर पर चंदा देने को लेकर पार्टी के कुछ अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार अलगाववाद के खिलाफ पार्टी की लड़ाई को कमजोर करता है।
चीन के सरकारी मीडिया ने गुरुवार को कहा कि अगर भारत दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश की यात्रा करने की अनुमति देता है तो चीन को भी ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए।
तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा है कि अगर कोई मुझे दुष्ट समझता है तो मुझे इसकी परवाह नहीं। अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर आए दलाई लामा ने बोमडिला में कहा कि चीन में कई लोग भारत को प्रेम करते हैं लेकिन कई राजनीतिज्ञ संकीर्ण सोच के हैं। वे मुझे दुष्ट के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं। मुझे इसकी परवाह नहीं है। दलाई लामा ने कहा कि भारत ने चीन के खिलाफ कभी मेरा इस्तेमाल नहीं किया।
दलाई लामा के अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर उपजे विवाद के बीच भारत ने मंगलवार को चीन से कहा कि वह उसके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे। भारत ने कहा कि वह चीन नीति का सम्मान करता है और चीन से भी इसी तरह की उम्मीद रखता है।