दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोहत्या की अफवाह के बाद एक व्यक्ति की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजनीतिक दलों के नुमाइंदों के दादरी पहुंचने से जहां कानून-व्यवस्था पर असर पड़ रहा है वहीं इसको लेकर सियासत गरम हो गई है। मामले की गंभीरता और लोगों को उग्र होते देख प्रशासन ने धारा 144 लगा दिया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम ने पीड़ित को धमकाया भी है।
गौहत्या और गौमांस रखने की अफवाह पर उत्तर प्रदेश में दादरी में 50 वर्षीय अखलाक की पीट-पीटकर निर्मम हत्या को देश के संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने दुर्घटना करार दिया है। शर्मा ने कहा, उन्हें लगता है यह घटना किसी गलतफहमी की वजह से हुई और इसे सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानून को निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए।
दिल्ली से सटे दादरी (उत्तर प्रदेश) में गोमांस खाने के संदेह में अखलाक अहमद नामक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला गया। जबकि उनका बेटा अस्पताल में भर्ती है। यह घटना दादरी के बिसराड़ा गांव की है, जहां अफवाह फैली कि गांव में अखलाक का परिवार गोमांस खाता है।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की ने बुधवार को उस वेटेस से माफी मांगी जिसने उन पर उसके कैफे में आने के बाद बार-बार उसकी पोनीटेल खींच कर स्कूल के जिद्दी छात्र की तरह सुलूक करने का आरोप लगाया था।
अमेरिकी न्याय विभाग जांच ने फग्यूर्सन, मिसौरी घटना को नस्ली पूर्वाग्रह से ग्रस्त पाया है। जांच में पाया गया है कि अधिकारी नियमित रूप से अत्यधिक बल का उपयोग करके, समन जारी कर और यातायात के दौरान रोक कर अश्वेतों के खिलाफ विभेदकारी नीति अपनाते हैं।
दंगे के चौथे दिन बुधवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पीडि़तों का दर्द जानने पहुंचे। घटना को दुखद बताते हुए उन्होंने इसमें बाहरी लोगों का हाथ होने की आशंका जताई। साथ ही कनीय पुलिस अधिकारियों को भी इसके लिए दोषी ठहराया।