केरल आौर पश्चिम बंगाल में जल्द ही होने जा रहे विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में भाजपा ने आज लोकसभा में वाम दलों को सीधे निशाने पर लेते हुए उन्हें भारतीय विकास गाथा की परी कथा की चुड़ैल बताया।
केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के बीच चले आ रहे टकराव में रोज नए मोड़ आ रहे हैं। अब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली, अंडमान-निकोबार सिविल सेवा (दानिक्स) कैडर के दो अफसरों के निलंबन को अमान्य घोषित कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल से विचार-विमर्श के बाद यह कदम उठाया है जिससे केंद्र और केजरीवाल में नई तकरार शुरू हो सकती है।
दिल्ली व अंडमान निकोबार सिविल सेवा (दानिक्स) के दो अधिकारियों के निलंबन का विरोध करते हुए दिल्ली सरकार के लगभग सभी वरिष्ठ नौकरशाह आज सामूहिक छुट्टी पर चले गए। उधर, केंद्र सरकार ने इन अधिकारियों के निलंबन को निरस्त कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर केंद्र और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच टकराव बढ़ गया है। केजरीवाल ने अधिकारियों की हड़ताल को सम-विषम योजना को नाकाम करने की साजिश करार दिया है।
वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार पर सवाल उठाने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजीव भट्ट ने कहा कि वह 24 साल की उम्र में एक जुनून के साथ आईपीएस में आए थे और यह आग आज भी उनके अंदर जल रही है। उनका कहना है कि सरकार ने ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने के मनगढ़ंत आरोपों पर एकतरफा जांच कर उन्हें सेवा से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजीव भट्ट ने एक कविता के जरिये अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस अंग्रेजी कविता का अनुवाद इस प्रकार है:
लंबे समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के कारण चर्चा में रहे भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को उत्तराखंड कैडर में भेज दिया गया है। मूल रूप से हरियाणा कैडर के अधिकारी चतुर्वेदी पिछले तीन सालों से अपना कैडर बदलने की गुहार लगा रहे थे।
सेना के जवानों में तनाव की समस्या को जानने के लिए सरकार ने एक विशेषज्ञ संस्था से अध्ययन कराया है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर जवानों के मानसिक तनाव दूर करने के लिए कई उपाय आजमाए जा रहे हैं।
पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईबी) के महानिदेशक रहे तारीक खोसा ने सोमवार को पाकिस्तान के डॉन अखबार में लिखे लेख में कहा है कि मुंबई में हुए इस हमले ने दोनों देशों को परमाणु युद्ध के मुहाने पर पहुंचा दिया था। खोसा कहते हैं कि मुंबई हमले में पाकिस्तानियों का हाथ था इसके कुछ तथ्य एफआईबी की जांच से निर्विवाद रूप से साबित हुए थे।