एक ओर जहां महागठबंधन तोड़ नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार बना ली है, तो वहीं जद (यू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है।
जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
उच्चतम न्यायालय ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर के शपथग्रहण पर मंगलवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया और 16 मार्च को सदन में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को देश के विकास में महिलाओं के अमूल्य योगदान की सराहना की और लोगों से लैंगिक समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए कहा।
गांव और ग्रामीण क्षेत्र के विकास, स्वच्छता, रोजगार विषय पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं नानाजी देशमुख के जन्मशताब्दी वर्ष पर सतना में चित्रकूट में बड़ा आयोजन हुआ। चार दिन के इस कार्यक्रम में ग्राम विकास की अवधारणा के विभिन्न पहलुओं पर बात हुई।
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2017-18 प्रस्तुत करते हुए कहा कि 14 लाख आईसीडीएस आंगनवाड़ी केंद्रों में 500 करोड़ रुपए के आबंटन के साथ गांव स्तर पर महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश की राजधानी में सपा-कांग्रेस के गठजोड़ के बाद संभवत: शक्ति प्रदर्शन के रूप में किया गया राहुल गांधी और अखिलेश यादव का रोड शो जब पुराने लखनऊ में एक जनसभा में तब्दील हुआ तो उत्साह से लवरेज नजर आये दोनों ही नेताओं ने भाजपा और बसपा को सत्ता में आने से रोकने तथा विकास की राजनीति करने का संकल्प दोहराया।
सपा में घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव और आजम खान की बैठक के बाद अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया है। इस तरह एक बार फिर दोनों की पार्टी में वापसी हो गई है।
संसद में सत्ता और प्रतिपक्ष के टकराव से शीतकालीन सत्र केवल कुछ घंटों के औपचारिक कामकाज और आरोप-प्रत्यारोप एवं भारी हंगामे के साथ समाप्त हो गया। आजादी के बाद नोटबंदी के सबसे बड़े सरकारी फैसले से पूरे देश के साथ संसद भी हतप्रभ एवं दिशाहीन दिखाई दी।