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Search Result : "दुष्यंत चौटाला हरियाणा"

मनमोहन ने लौटाया हरियाणा साहित्य अकादमी का सम्मान

मनमोहन ने लौटाया हरियाणा साहित्य अकादमी का सम्मान

देश में लेखकों पर बढ़ते हमले और असहमति की आवाजों को दबाने के विरोध में हिंदी के वरिष्ठ कवि-चिंतक मनमोहन ने हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से मिला सम्मान लौटा दिया है। उन्होंने सम्मान के साथ मिली 1 लाख रुपये की राशि भी अकादमी को वापसभेज दी है।
कट्टर खट्टर पर ऑनलाइन प्रहार

कट्टर खट्टर पर ऑनलाइन प्रहार

एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दादरी मसले पर बात करते हुए एक विवादित बयान दिया कि मुसलमान इस देश में रह सकते हैं लेकिन उन्हें गौमांस खाना छोड़ना होगा। इसके बाद से सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के खिलाफ माहौल बन गया। चारों ओर से इस ब्यान की निंदा होने लगी। मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव ने स्थिति संभालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा जबकि अखबार ने उनके मुंह में ऐसे शब्द डाले। इसके बाद अखबार ने मुख्यमंत्री के इंटरव्यू का ऑडियो टेप जारी कर दिया। सोशल मीडिया के कुछ कमेंट्स
बतरा के भगवा एजेंडे पर हरियाणा की स्कूली शिक्षा

बतरा के भगवा एजेंडे पर हरियाणा की स्कूली शिक्षा

गुजरात के सरकारी स्कूलों के बाद अब हरियाणा के सरकारी स्कूलों में भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) समर्थित दीनानाथ बतरा की किताबें पढ़ाई जाएंगी। ‘नैतिक विज्ञान’ विषय नाम से ये किताबें तमाम सरकारी स्कूलों में अगले सत्र से लागू कर दी जाएंगी। दीनानाथ बतरा ‘शिक्षा बचाओ आंदोलन’ के कनवीनर हैं। माना जाता है कि यह आरएसएस समर्थित आंदोलन है।
हरियाणा पंचायत चुनाव को लेकर सरकार और सर्वोच्च न्यायालय आमने-सामने

हरियाणा पंचायत चुनाव को लेकर सरकार और सर्वोच्च न्यायालय आमने-सामने

सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा पंचायत चुनाव को तत्काल स्थगित करने के आदेश दिए हैं। मंगलवार को आदेश देते हुए न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तारीख तय की है। साथ ही स्पष्ट किया है कि अदालत के फैसले के बाद निर्वाचन आयोग नए सिरे से चुनाव की घोषाणा करेगा ।
हरियाणा पंचायती राज आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

हरियाणा पंचायती राज आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

हरियाणा में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य करने वाले हरियाणा सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने नए प्रावधानों की वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के बाद हरियाणा सरकार से जवाब मांगते हुए यह रोक लगाई है।
खट्टर के दफ्तर में सुरक्षा में सेंध, सीआईएसएफ के छह कर्मी निलंबित

खट्टर के दफ्तर में सुरक्षा में सेंध, सीआईएसएफ के छह कर्मी निलंबित

पंजाब और हरियाणा के अति सुरक्षा वाले, सिविल सचिवालय की इमारत में एक हथियारबंद व्यक्ति हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यालय पहुंचने के लिए सुरक्षा के कई स्तरों को पार करने में कामयाब रहा। इसके बाद सीआईएसएफ के छह कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
एक ‘शाखाहारी’ की स्वीकारोक्ति | शेखर गुप्‍ता

एक ‘शाखाहारी’ की स्वीकारोक्ति | शेखर गुप्‍ता

इस वर्ष का राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पूरी तरह एक नए अंदाज में मनाया गया। पहले तो हमने देखा कि किसी भी कक्षा में घुस जाने की ताकत रखने वाले हर महत्वपूर्ण सरकारी शख्स ने 'मैं भी शिक्षक’ का अपना सपना साकार किया। कड़वा सच बताना पड़ेगा कि हमारे अब तक के इस मंत्रिमंडल में सबसे कम पढ़े-लिखे लोग हैं। लेकिन उन्हें पढ़ाना अच्छा लगता है। और वे कभी-कभी पढ़ना भी पसंद करते हैं लेकिन वे अपने पसंदीदा शिक्षक और गुरुओं के गुरू आरएसएस के सिवा किसी और से पढ़ना नहीं चाहते।
गुड़गांव में बुल्डोजर चलने से अल्पसंख्यक आंदोलित

गुड़गांव में बुल्डोजर चलने से अल्पसंख्यक आंदोलित

गुड़गांव के सेक्टर-62 में आज 35 मुस्लिम परिवारों के घरों पर बुल्डोजर चला दिया गया। फरीदाबाद में अटाली वाला मसला अभी जस का तस है, बल्कि हालात पहले से ज्यादा खराब हो चले हैं कि गुड़गांव के इस नए मसले ने फिर से राजनीति गरमा दी है।
मिर्चपुर कांड में मूकदर्शक बनी रही पुलिस: जांच आयोग

मिर्चपुर कांड में मूकदर्शक बनी रही पुलिस: जांच आयोग

हरियाणा में हिसार जिले के मिर्चपुर में दलितों के साथ हुई हिंसा की जांच करने वाले जस्टिस इकबाल सिंह आयोग ने पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने और भयानक घटना को रोकने के लिए समय पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। एक सदस्यीय इकबाल सिंह आयोग ने कहा कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही और स्थिति पर काबू पाने में नाकाम रही।
मिथक झुठलाते जनगणना के धार्मिक आंकड़े

मिथक झुठलाते जनगणना के धार्मिक आंकड़े

पिछले साल भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में क्या आई 1990 के दशक के मजहबी और जातिगत टकराव के गड़े मुर्दे मानो फिर से उखाड़े जाने लगे। एक तरफ जनगणना में धार्मिक समुदायों की जनसंख्या वृद्धि के चुनिंदा आंकड़े पूर्वाग्रह के रंग में रंगकर धीरे-धीरे सामाजिक और मुख्यधारा मीडिया में टपकाए जाने लगे और दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल और उसके परिवार के तरह-तरह के गेरुआधारी ‘पूतों फलों’ और ‘घर वापसी’ के भड़काऊ भाषणों के जरिये बहुसंख्यक समुदाय का भयादोहन कर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध उन्माद पैदा करने की कोशिश करने लगे। नतीजतन देश में कई जगह अल्प तीव्रता वाले सांप्रदायिक उपद्रव होने लग गए, खासकर उन राज्यों में जहां विपक्ष की सरकारें थीं और आगे चुनाव होने थे।
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