देवदासी नृत्य का दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य से नाभि-नाल का रिश्ता रहा है। इसकी गरिमामई वापसी के लिए चल रहे प्रयासों की कड़ी में ही यशोधा राव ठाकुर की प्रस्तुतियों को देखा जा सकता है।
खजुराहो नृत्य समारोह-एक ऐसे दौर में जब कला को खुद को जिंदा व प्रासंगिक बनाए रखने के लिए जद्दोजेहद करनी पड़ रही है, अलग-अलग कलाओं का एक-दूसरे का सहारा बनकर एक मंच पर आना एक सुकून देने वाला अनुभव है। खजुराहो नृत्य समारोह ऐसा करने में काफी हद तक कामयाब रहा है।