अमेरिका ने भारत के मशहूर शायर राहत इंदौरी को टेक्सास प्रांत के डलास शहर में अगले महीने आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुशायरे में हिस्सा लेने के लिए वीजा देने से इंकार कर दिया है। राहत इंदौरी ने इस पर नाखुशी का इजहार करते हुए कहा कि उनका वीजा आवेदन महज इस बेबुनियाद धारणा के बूते अस्वीकार कर दिया गया कि मुशायरे में शामिल होने के बाद वह स्वदेश नहीं लौटेंगे।
केरल की सरकार ने आज कहा है कि वह 10 अप्रैल को कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर में हुई भीषण आग त्रासदी का शिकार बने लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र से 117 करोड़ रूपए की मदद मांगेगी। इस त्रासदी में 108 लोग मारे गए थे।
न्यूयार्क शहर ने एक अनूठे सम्मान के तौर पर इस साल 14 अप्रैल को बिंदेश्वर पाठक दिवस घोषित किया। न्यूयार्क के मेयर ने भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक के सबसे अमानवीय स्थिति में काम करने वाले लोगों के जीवन को सुधारने की दिशा में दिए गए योगदान को मान्यता देते हुए ऐसा किया।
डोगरी की विख्यात साहित्यकार पद्मा सचदेव की आत्मकथा चित्त चेते को 2015 के सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया है। साल 2005 से 2014 की अवधि में प्रकाशित पुस्तकों पर विचार करने के बाद चयन परिषद् ने सचदेव की आत्मकथा को प्रतिष्ठित सरस्वति सम्मान के लिए चुना।
केरल के कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर की प्रबंधन समिति के पांच फरार सदस्यों ने आज तड़के आत्मसमर्पण कर दिया। दो अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राज्य में किसी मंदिर में हुए अब तक के सबसे भयंकर हादसे में 109 लोगों की जान चली गई।
केरल में कोल्लम के पास स्थित 100 वर्ष पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में आज आतिशबाजी के दौरान लगी भीषण आग से अब तक 100 लोगों की मौत हो गई और करीब 400 अन्य घायल हो गए। घटना के कुछ ही घंटों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां का दौरा किया और हालात का जायजा लिया।
फिल्म अभिनेता शाहरूख खान ने कहा कि ब्रिटेन के शाही दंपति राजकुमार विलियम और केट मिडलटन का यहां एक समारोह में दर्शकों से परिचय कराना उनके लिए एक बड़ा सम्मान होगा।
जानेमाने सितारवादक पंडित रवि शंकर के 96वें जन्मदिन पर उनके सम्मान में सर्च इंजन गूगल ने डूडल बनाया है। उनके सम्मान में बनाए गए इस डूडल के केंद्र में सितार है।
आलोचक वैभव सिंह को 20 वां देवी शंकर अवस्थी सम्मान उनकी पुस्तक, भारतीय उपन्यास और आधुनिकता के लिए दिया गया। आलोचना की यह पुस्तक आधार प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।