सूखे से प्रभावित विदर्भ जिले में राहुल गांधी की पदयात्रा को लेकर शिवसेना ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें किसानों के आंसू तब पोंछने चाहिए थे, जब कांग्रेस सत्ता में थी।
केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसानों की मदद के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। फसलों को हुए नुकसान के सर्वे की रस्म अदायगी भी जारी है। लेकिन मेहनत की कमाई लुटा चुके किसानों के हाथ से मुआवजा अभी दूर है। दरअसल, फसलों के बीमा और मुआवजे की प्रक्रिया में इतने झोल हैं कि किसान तक सिर्फ आश्वासन ही पहुंच पाते हैं।
करगिल की चोटी से 'ये दिल मांगे मोर’ का नारा देने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार आज न्याय के लिए सरकारी तंत्र का चक्कर लगा रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश की जमीन को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन आज उनका परिवार अपनी ही जमीन पाने के लिए भू-माफिया से जूझ रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा के परिवार के संघर्ष में न तो सरकार का सहयोग मिल रहा है और न प्रशासन का। रोचक तथ्य तो यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक गुहार लगाने वाले इस परिवार की सुध लेने से भी मध्य प्रदेश सरकार गुरेज कर रही है।
महाराष्ट्र में सरकार के किसी भी फैसले के खिलाफ कुछ भी बोलना मुश्किल होता जा रहा है। भाजपा-शिवसेना सहित तमाम दक्षिणपंथी संगठन और खुद राज्य सरकार उनके खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लेती है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को उनके काफिले का रास्ता बनाने के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा वाहनों को रोके जाने के कारण लोगों को हुई परेशानी पर दुख जाहिर किया है और कहा है कि वह वीआईपी संस्कृति से बचते हैं।