उच्चतम न्यायालय ने हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी का और विनिवेश करने से सरकार को मंगलवार को रोक दिया। इस संस्थान का प्रबंधन वेदांता की सहायक कंपनी के पास है।
न जाने बच्चों की कितनी पीढ़ियां 1952 में आई फिल्म जागृति के गाने 'आओ बच्चो, तुम्हें दिखाएं...’ की समधुर धुन सुनकर देश को जाना होगा और शायद भूगोल और इतिहास की किताबों की तुलना में इन गानों के जरिये ज्यादा आसानी से अपने राष्ट्र पर गर्व महसूस किया होगा। ट्रेन यात्रा बच्चों के लिए हमेशा रोमांचक रही है।
अभिनेता टॉम ऑल्टर ने किसी दिन कहा, भारत हमेशा से असहिष्णु देश रहा है। क्या हमने आजादी के सिर्फ 5 महीने के अंदर महात्मा की हत्या नहीं कर दी? क्या सरकारों ने पुस्तकों, नाटकों, फिल्मों और प्रदर्शनियों को प्रतिबंधित नहीं किया?
राजेंद्र राव शिक्षा और पेशे से भले ही इंजीनियर रहे हों, मगर उनका मन सदैव साहित्य और पत्रकारिता में ही रमा रहा । तकनीकी और प्रबंधन के क्षेत्र में काफी समय बिताने के बाद अवसर मिलते ही साहित्यिक पत्रकारिता में आ गए। कृतियों में एक उपन्यास, सात कथा संकलन और कथेतर गद्य के बहुचर्चित संकलन उस रहगुजर की तलाश है । संप्रति दैनिक जागरण में साहित्य संपादक।
नोएडा के दादरी स्थित बिसाहड़ा गांव में गोवध के आरोप में एक मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या को लेकर मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खां ने आज संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिखकर देश में मुसलमानों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की।
अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
तीन महीने बाद बिहार के आम चुनाव में सीटों ओर वोटों का मुकाबला होगा, जिसके लिए अभी से कई समीकरण बन बिगड़ रहे हैं। लेकिन फिलहाल गर्म मौसम में चुनावी गर्मी के अलावा बिहार की राजनीति आम, कटहल और लीची पर भी गर्मी दिखा रही है।
मना करने के बावजूद राष्ट्रपति के मुहं से अनायास निकली बात के प्रकाशन को लेकर भारत ने स्वीडिश दैनिक से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। स्वीडन में भारतीय राजदूत के जरिए बोफोर्स सौदे से जुड़ी बातों को छपने से रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन अखबार ने इसे नजरअंदाज किया।