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सांसदों-विधायकों को फ्री टिकट बंद हो तो बढ़ जाएगी रेलवे की आय

सांसदों-विधायकों को फ्री टिकट बंद हो तो बढ़ जाएगी रेलवे की आय

हमारे देश में माननीयों को अगर रेलवे फ्री टिकट देना बंद कर दे तो उसकी आय में काफी इजाफा हो जाएगा। केंद्र सरकार ने रेलवे की आय बढ़ाने के लिए अपनी वेबसाइट में सुझाव मांगे है। जिसमें लोगों नेे उत्‍साह से भाग लेकर इस तरह का रोचक सुझाव दिया।
पैसे का आरोप लगा दो विधायकों ने छोड़ा मायावती का साथ

पैसे का आरोप लगा दो विधायकों ने छोड़ा मायावती का साथ

बहुजन समाज पार्टी को छोड़ने का सिलसिला जारी है। विधायक रोमी साहनी और बृजेश वर्मा ने बसपा प्रमुख मायावती पर पैसे लेने का आरोप लगा पार्टी छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि कुछ और विधायक मायावती का साथ छोड़ सकते हैं।
उत्तराखंड: अयोग्य विधायकों को अंतरिम राहत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

उत्तराखंड: अयोग्य विधायकों को अंतरिम राहत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तराखंड के अयोग्य ठहराए गए नौ विधायकों को अंतरिम राहत देने से मना कर दिया। इन विधायकों ने याचिका में अपनी अयोग्यता पर रोक लगाने और विधानसभा के सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मांगी है।
नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
निर्देश न मानने पर सपा ने चार विधायकों को निलंबित किया

निर्देश न मानने पर सपा ने चार विधायकों को निलंबित किया

समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा तथा विधान परिषद के चुनाव में पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करने पर निलंबित कर दिया है। इससे पहले भी सपा ने सीतापुर के विधायक रामपाल को पहले निलंबित किया था और बाद में पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
कांग्रेस विधायकों ने नहीं माना आलाकमान का निर्देश, सुभाष चंद्रा जीते

कांग्रेस विधायकों ने नहीं माना आलाकमान का निर्देश, सुभाष चंद्रा जीते

हरियाणा से राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा जीत गए हैं। चंद्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यह चुनाव लड़ा था। चंद्रा की जीत में कांग्रेस विधायकों की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
स्टिंग सीडी मामला: सीबीआई ने की हरीश रावत से पूछताछ

स्टिंग सीडी मामला: सीबीआई ने की हरीश रावत से पूछताछ

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित अपनी जांच के तहत मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से पूछताछ की। स्टिंग में वह कथित तौर पर कुछ असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को प्रभावित करने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
हालिया चुनाव में जीते 36 फीसदी विधायकों पर चल रहे आपराधिक केस

हालिया चुनाव में जीते 36 फीसदी विधायकों पर चल रहे आपराधिक केस

पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव में जीते कुल 812 विधायकों में से 36 फीसदी विधायकों ने अपने शपथपत्र में अपने खिलाफ आपराधिक मामला चलने की बात स्‍वीकार की है। एसोसिएशन ऑफ डेमेाक्रेटिक रिसर्च तथा नेशनल इलेक्‍शन वाच के सहयोग से हुए सर्वे में इस तरह की जानकारी सामने आई है।
उत्तराखंड कांग्रेस के बागी विधायकों ने थामा भाजपा का दामन

उत्तराखंड कांग्रेस के बागी विधायकों ने थामा भाजपा का दामन

उत्तराखंड के कांग्रेस के बागी विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। बुधवार को दिल्ली भाजपा मुख्यालय में इन विधायकों ने पार्टी के प्रति अपनी आस्‍था जताते हुए सदस्यता ग्रहण की।
उत्तराखंडः सस्पेंस कायम, बागी विधायकों पर फैसला 9 मई को

उत्तराखंडः सस्पेंस कायम, बागी विधायकों पर फैसला 9 मई को

उत्तराखंड में कांग्रेस के नौ अयोग्य घोषित किए गए बागी विधायकों के भाग्य को लेकर अनिश्चितता बरकरार है क्योंकि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर नौ मई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
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