सरकार ने आज कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने के प्रावधान वाले मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को संसद के आगामी बजट सत्र में पेश करने के पूरे प्रयास किये जायेंगे।
व्यावसायिक सरोगेसी पर रोक लगाने की दिशा में आज लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया जिसमें महिलाओं को उत्पीड़न से संरक्षण और सरोगेसी से जन्मे बच्चे के अधिकारों को सुनिश्चित करने के प्रावधान हैं।
संसद के 16 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों और किराये की कोख के नियमन संबंधी विधेयक सहित नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे। संसद में पेश होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े तीन विधेयकों में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान का मुआवजा) विधेयक शामिल हैं।
बंगाल विधानसभा में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) विधेयक पर मुहर नहीं लगने का खामियाजा वहां के वित्त मंत्री अमित मित्र को उठाना पड़ रहा है। जीएसटी परिषद में अमित मित्र को उपाध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव है, जिसे लेकर भाजपा शासित राज्यों ने आपत्ति जताई है। इन राज्यों को वित्तमंत्रियों ने आपत्ति जताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। यह नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम संशोधन विधेयक में संशोधन करने वाले अध्यादेश को जारी किए जाने को कार्याेत्तर प्रभाव से आज स्वीकृति प्रदान की। यह अध्यादेश चौथी बार जारी किया गया है।
अगर कोई सेलिब्रिटी भ्रामक विज्ञापन करता है और उससे आम लोगों का नुकसान होता है तो इस सेलिब्रिटी को सजा मिलेगी। केंद्र सरकार ने ऐसा ही मसौदा तैयार किया है जिसके तहत भ्रामक विज्ञापन करने वाली सेलिब्रिटी पर 50 लाख रूपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की सजा हो सकती है। इस मसौदे को मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले अंतर-मंत्रालय पैनल में विचार के लिए रखा जाएगा।
बिहार विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जीएसटी संबंधी विधेयक के फायदे और अपने रुख को रेखांकित किए जाने के बाद सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में न्याय, स्वतंत्रता, समता और भाईचारे के चार स्तंभों पर निर्मित लोकतंत्र को मजबूती से आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय चरित्र के विरुद्ध कमजोर वर्गों पर हुए हमले पथभ्रष्टता हैं, जिससे सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में हाल ही में पारित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक का भी जिक्र किया।