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Search Result : "नमक स्वादानुसार"

यूपी में मिड-डे मील में नमक-रोटी परोसे जाने का खुलासा करने वाले पत्रकार पर ही दर्ज हुआ मुकदमा

यूपी में मिड-डे मील में नमक-रोटी परोसे जाने का खुलासा करने वाले पत्रकार पर ही दर्ज हुआ मुकदमा

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में हाल ही में एक प्राथमिक स्कूल में मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को...
यूपी में बच्चों को रोटी के साथ नमक देकर दी जा रही है मिड-डे मील, मिर्जापुर का है मामला

यूपी में बच्चों को रोटी के साथ नमक देकर दी जा रही है मिड-डे मील, मिर्जापुर का है मामला

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के सरकारी प्राइमरी स्कूल शर्मनाक घटना का गवाह बना। इस स्कूल में मिड डे...
कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ मजाक, जले पर नमक छिड़क रही मामूली राहत

कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ मजाक, जले पर नमक छिड़क रही मामूली राहत

शांति देवी जिन्होंने फसल बोने के नाम पर बैंक से 1 लाख रुपये कर्ज लिया था, लेकिन इनको जो ऋणमाफी का प्रमाण पत्र दिया गया है, उसमें 10.36 रुपये का कर्ज माफ है।
‘बलात्कारियों  के घावों पर नमक-मिर्च रगड़ो’, कानून पर सवारी कर रहा उमा का बयान

‘बलात्कारियों के घावों पर नमक-मिर्च रगड़ो’, कानून पर सवारी कर रहा उमा का बयान

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि बलात्कारियों को पहले जमकर पीटना चाहिए बाद में उनके घावों पर नमक और मिर्च रगड़ना चाहिए। बलात्‍कारियों पर एक आम आदमी अगर इस तरह की कठोर प्रतिक्रिया देता तो आवेशवश इसे एक हद तक सही समझा जा सकता था पर ऊंचे संवैधानिक पद पर बैठे एक मंत्री का ऐसा बयान देश के कानून पर सवारी कर रहा है।
नोटबंदी के बाद नमक के लिए जद्दोजहद, दुकानदारों ने उठाया अफवाह का फायदा

नोटबंदी के बाद नमक के लिए जद्दोजहद, दुकानदारों ने उठाया अफवाह का फायदा

देश के कई हिस्सों में नोटबंदी की आड़ में खाने-पीने की आवश्यक वस्तुओं को लेकर अफवाह का बाजार गर्म कर नाजायज फायदा उठाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। शुक्रवार की शाम को राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में नमक को लेकर अफवाह फैली जिसके बाद दुकानों से 300 से 400 रुपये प्रति किलो तक नमक बेचे गए।
महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का निधन, सूरत में हुआ अंतिम संस्कार

महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का निधन, सूरत में हुआ अंतिम संस्कार

महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का सोमवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। आज सूरत में उनका अंतिम संस्कार किया गया। कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं के साथ सैकड़ों लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
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