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हरिद्वार में धूमधाम से लॉन्च होगा नमामि गंगे का पहला चरण

हरिद्वार में धूमधाम से लॉन्च होगा नमामि गंगे का पहला चरण

कल हरिद्वार में बीस हजार करोड़ की नमामि गंगे योजना के पहले चरण की शुरुआत धूमधाम से होगी। इस की शुरुआत नितिन गडकरी और उमा भारती करेंगे। गंगा के पांच राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, यमुना के दो राज्य हरियाणा और दिल्ली के अलावा सात राज्यों में इस योजना के तहत काम होगा।
गंगा में पानी हो रहा कम, निर्मल और अविरल धारा की कलकल हो जाएगी धीमी

गंगा में पानी हो रहा कम, निर्मल और अविरल धारा की कलकल हो जाएगी धीमी

किसी भी नदी की अविरल धारा बनाये रखने के लिए नदियों में देशांतरीय संयोजना एवं पर्याप्त प्रवाह जरूरी है लेकिन गंगा नदी में सर्दी और गर्मी के महीने में कई स्थानों पर पानी का प्रवाह रूक जाता है, साथ ही गंदे जल एवं औद्योगिक अपशिष्ट का प्रवाह जारी रहता है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की धारा की निर्मलता, पर्याप्त प्रवाह एवं स्वच्छता को बहाल करने को सरकार प्रमुखता दे रही है।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 2446 करोड़ रूपये की परियोजनाओं को मंजूरी

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 2446 करोड़ रूपये की परियोजनाओं को मंजूरी

नमामि गंगे कार्यक्रम को महत्‍वपूर्ण गति प्रदान करते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की अधिकार प्राप्‍त संचालन समिति ने उत्‍तराखंड में हरिद्वार से उत्‍तराखंड की सीमा तक, उत्‍तर प्रदेश में गढ़मुक्‍तेश्‍वर, बिहार में बक्‍सर, हाजीपुर और सोनपुर, झारखंड में साहेबगंज, राजमहल और कन्‍हैया घाट में गंगा के तट पर तथा दिल्‍ली में यमुना पर घाटों और श्मशान स्‍थलों के विकास की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर 2446 करोड़ रूपये खर्च होंगे। इन स्‍थानों पर घाटों और श्‍मशान स्‍थलों के विकास से गंगा और यमुना में प्रदूषण में कमी आयेगी। इन सभी परियोजनाओं को केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत कार्यान्वित किया जाएगा और इनका पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठायेगी।
अब गंगा-जर्मनी तहजीब से सफल बनाएंगे नमामि गंगे को

अब गंगा-जर्मनी तहजीब से सफल बनाएंगे नमामि गंगे को

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय और जर्मनी के जर्मन इंटरनेशनल कोआपरेशन (जीआईजेड) के बीच आज नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा नदी के संरक्षण लागू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।
चर्चा: नमामि गंगे पर पहरा | आलोक मेहता

चर्चा: नमामि गंगे पर पहरा | आलोक मेहता

गंगा हिमालय से निकलती है, लेकिन सागर तक पहुंचने में बहुत रोड़े आते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें लगभग तीस वर्षों से गंगा को पवित्र बनाए रखने के लिए हजारों करोड़ खर्च कर चुकी हैं, लेकिन ‘पुण्यलाभ’ नहीं मिल पा रहा है। गंगा अधिक मैली होती गई है। गंगा किनारे बसे शहरों की तरक्की के साथ मोहल्ले का कचरा, मल-मूत्र ही नहीं औद्योगिक बस्तियों के जहरीले रसायनों से गंगा को अपवित्र एवं प्रदूषित किया गया। अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार की नमामि गंगे योजना में फंड जारी करने पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल इस बात से खफा हुआ कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने गंगा में प्रदूषण से जुड़े सवालों पर स्पष्ट जवाब तक नहीं दिए।
कैबिनेट ने नमामी गंगे को योजना को मंजूरी दी

कैबिनेट ने नमामी गंगे को योजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार की फ्लैगशिप योजना नमामि गंगे को मंजूरी दे दी गई। इस योजना के तहत गंगा नदी को समग्र तौर पर संरक्षित और स्‍वच्‍छ करने के कदम उठाए जाएंगे। इस पर अगले पांच साल में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
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