ओलंपिक पदक से केवल एक जीत दूर सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना ने कहा कि उन्हें अपना सेमीफाइनल मैच खेलते समय अपने जज्बात पर काबू रखकर नये सिरे से शुरूआत करनी होगी।
भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रविवार को एक बार फिर मौद्रिक नीति को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर रघुराम राजन पर हमला बोला। स्वामी ने राजन पर ऐसे समय में निशाना साधा है जब एक महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरबीआई गवर्नर की आलोचनाओं को खारिज कर दिया था।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने आज स्वीकार किया कि उनके कार्यकाल के दौरान केंद्रीय बैंक के कुछ कार्यकलापों अथवा निष्क्रियता के कारण फंसे कर्ज की मौजूदा समस्या इतनी बड़ी हुई हो सकती है। उन्होंने माना कि उन्हें उन मुद्दों का समाधान करना चाहिए था।
आस्ट्रेलिया के आम चुनावों में करीबी अंतर से मिली जीत के बाद मैल्कम टर्नबुल ने एक और कार्यकाल के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की ली। टर्नबुल की शीर्ष प्राथमिकताओं में बजट में सुधार करना और समलैंगिक विवाह पर सार्वजनिक मतदान कराने का मुद्दा शामिल है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने स्पष्ट शब्दों में चुनौती दी है कि ‘बताएं महंगाई कहां कम हुई है?’ सरकार के नेता और उनके कई समर्थक तर्क देते हैं कि ‘राजन द्वारा ब्याज दरों को ऊंचा रखने की नीति अपनाने से विकास की संभावनाओं पर बुरा असर पड़ा। लेकिन महंगाई कम हुई है।’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने आलोचकों को उन्हीं के अंदाज में जवाब देते हुए चुनौती दी कि साबित करें कि मुद्रास्फीति कहां कम हुई है। उन्होंने अपनी आलोचनाओं को महज डायलॉगबाजी करार देते हुए उसे खारिज कर दिया।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव ने तत्कालीन सरकार में अपने आकाओं पर तीखी टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि पूर्व वित्त मंत्रियों पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय बैंक के कामकाज में विशेष तौर पर ब्याज दर तय करने के मामले में हस्तक्षेप किया और इस मुद्दे पर मतभेद के चलते दो डिप्टी गवर्नरों को सेवा विस्तार भी नहीं मिला।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव को उस दौर की कमी जरूर महसूस होती है जब उनके एक-एक शब्द पर बाजार थिरकता था। लेकिन अब उन्हें इस बात की खुशी है कि वह गवर्नर नहीं हैं और वह बाजार में उतार-चढाव की चिंता किए बगैर अपनी बात को खुल कर रख सकने को स्वतंत्र हैं।