निर्भया बलात्कार कांड के नाबालिग मुजरिम के बाल सुधार गृह से 21 दिसंबर को छूटने के बाद भी उस मसले पर बहस जारी है और नए बाल अपराध कानून को लेकर मशक्कत चल रही है। इस संबंध में इस संवाददाता को उस समय का एक प्रसंग याद रहा है।
तेलंगाना के करीमनगर में 28 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने आज खौफनाक तरीके से तलवार से हमला कर अपने माता-पिता और तीन कांस्टेबल समेत 22 लोगों को घायल कर दिया। हालांकि पुलिस की कार्रवाई में वह मारा गया। हमलावर के माता-पिता और एक ऑटो चालक गंभीर हालत में हैं। उसे रोकने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका तथा अन्य घायलों का एक स्थानीय अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
निर्भया कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई पर रोक की आखिरी उम्मीद भी ध्वस्त हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी रिहाई के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग की याचिका खारिज करते हुए रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। अदालत का कहना है कि दोषी की सजा बढ़ाने के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
दिल्ली महिला आयोग ने निर्भया कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुमित याचिका पर अविलंब सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। इस याचिका पर आज सुनवाई होगी।
निर्भया कांड के वक्त नाबालिग रहे दोषी को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। उसकी रिहाई के विरोध में रविवार को काफी लोग जंतर-मंतर पर जुटे और इंडिया गेट तक मार्च निकालने की कोशिश की। निर्भया के माता-पिता ने भी दोषी की रिहाई के खिलाफ इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। खबर है कि इस दौरान निर्भया की माँ को कुछ चोटें भी आई हैं।
54 वर्षीय सहर नीलोफर पिछले एक साल से रोजाना अपने घर द्वारका से जंतर-मंतर आती हैं। अपना बैनर लगाती हैं और शाम को घर लौट जाती हैं। यहां बैठकर वह प्रधानमंत्री से लेकर अलग-अलग असरदार लोगों को पत्र लिखती हैं। योजना बनाती हैं कि किस प्रकार गालीमुक्त भारत बनाया जा सके। रवानगी में अंग्रेजी भाषा में बात करते हुए नीलोफर कहती हैं ‘ समाज से मां,बहन और बेटी को संबोधित करती गालियां बंद हों।‘ यह महिला इस मुद्दे पर सिंगल वूमन ब्रिगेड की तरह काम कर रही है।
निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड में अपराधी ठहराए गए किशोर आरोपी की रिहाई को नजदीक देखते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि यौन अपराधों के आरोपी और इन मामलों में सजा काट चुके अपराधियों के एक बार कारागार से रिहा होने के बाद भी उन पर कड़ी नजर रखी जाए।
लगान और गंगाजल में काम कर चुकीं अभिनेत्री ग्रेसी सिंह अपने करिअर को लेकर संतुष्ट हैं। उनका मानना है कि वह रचनात्मक भूख मिटाने के लिए अभिनय करती हैं। वरना उनका पहला प्रेम तो शास्त्रीय नृत्य है।