देश की प्रमुख नीति-निर्माता संस्था नीति आयोग ने सरकारी तंत्र पर निर्भरता कम करने के लिए सार्वजनिक सेवाओं को निजी सेवाओं हाथों में सौंपने यानी आउटसोर्स कराने का सुझाव दिया है।
नीति आयोग ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया है। जिसके मुताबिक कर्नाटक देश का सबसे भ्रष्ट राज्य है। वहीं हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ को सबसे कम भ्रष्ट राज्य माना गया है।
सीधी सादी लड़की को बहादुरी से परदे पर दिखाने वाली कहानी ने लोगों को बहुत प्रभावित किया था। यह कहानी थी क्वीन। निर्देशक थे विकास बहल। अब इन्हीं विकास बहल पर एक महिला सहकर्मी ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
रेलवे में खानपान की स्थिति में सुधार करने के मकसद से रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज बताया कि रेलवे की कैटरिंग नीति में आमूलचूल बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे निश्चित ही यात्रियों को कैटरिंग में सुधार देखने को मिलेगा।
अमेरिका में दक्षिण एशियाई मामलों के एक शीर्ष परमाणु विशेषज्ञ ने दावा किया है कि अगर भारत को यह आशंका हुई कि पाकिस्तान उस पर परमाणु हथियार से आक्रमण कर सकता है तो वह परमाणु का पहले इस्तेमाल नहीं करने की अपनी नीति को संभवत: त्याग सकता है और पाकिस्तान के खिलाफ उसके हमले से पहले ही हमला कर सकता है।
केंद्रीयमंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने किसानों के लिए कर्ज माफी की जिस योजना का आश्वासन दिया था वह केंद्र सरकार की कोई राष्ट्रीय नीति नहीं बल्कि विशिष्ट राज्य आधारित थी।
दक्षिण अफ्रीका अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में फिल्मकार संजय लीला भंसाली की भव्य प्रेम कहानी बाजीराव मस्तानी ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए रैपिडलायन अवार्ड्स अपने नाम किए।
उच्चतम न्यायालय ने मानसिक बीमारियों से ग्रस्त लोगों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी देने की बजाय उनके लिए एकीकृत राष्टीय नीति तैयार करने पर आज जोर दिया। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड की खंडपीठ ने वकील जी के बंसल की जनहित याचिका का दायरा बढाते हुये इस संबंध में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है। जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश के विभिन्न मानसिक रोगी अस्पतालों से करीब 300 व्यक्तियों को छुट्टी का मामला उठाते हुए आरोप लगाया गया था कि उपचार के बावजूद वे अभी भी अस्पतालों में हैं और इनमें से अधिकांश समाज के गरीब तबके के हैं।