भाजपा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को प्रखर ढंग से लागू करने से लेकर सरहद पार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमाम भव्य आयोजनों और उनमें जुटाई जाने वाली भीड़ की जिम्मेदारी उठाने तक या यूं कहें कि मिशन इंपोसिबल को संभव करने का सेहरा नि:संदेह राम माधव के सिर पर बांधा जा सकता है। कश्मीर में साझेदारी में भाजपा की सरकार बनाने का पार्टी का और संघ का दशकों पुराना सपना मूर्त करने का काम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और संघ के प्रचारक राम माधव ने किया। कश्मीर से जुड़े तमाम पेचीदा सवालों पर आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह की राम माधव से सीधी-सीधी बात, पेश हैं अंश:
नब्बे के दशक के बच्चों के मन में रुडयार्ड किपलिंग की द जंगलबुक की यादें चिरस्थायी हैं। निर्देशक जॉन फेवरियू ने इस चिरकालिक स्मृति को भव्य तरीके से फिल्म के रूप में पेश किया है।
भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के विधायक दल के नेता के रूप में निर्मल सिंह को चुना है और उन्हें भाजपा-पीडीपी की नई गठबंधन सरकार के लिए बतौर उप मुख्यमंत्री नामित किया है। नई सरकार पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में गठित होने जा रही है। पीपीडी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता गुरुवार को ही उस वक्त साफ हो गया था जब उनको सर्वसम्मति से पीडीपी विधायक दल की नेता चुना गया और पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें पीडीपी की ओर से जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया है।
भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के फिर से एक होकर अखंड भारत बन जाने के भाजपा महासचिव राम माधव के बयान पर पार्टी ने आज कहा कि वह उनके निजी विचार हैं और मोदी सरकार इस बारे में स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान दो संप्रभु राष्ट्र हैं।
भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा है कि आरएसएस का मानना है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक दिन सहमति से एक होंगे और अखंड भारत का निर्माण होगा। ऐसा युद्ध के माध्यम से नहीं बल्कि सद्भावना के जरिये होगा।
'अमिताभ बच्चन की बातों पर न जाएं। गुजरात से जुड़े उनके विज्ञापन झूठे हैं। कुछ दिन बिताओ हमारे गुजरात के देहातों में तो असलियत पता चल जाएगी। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। युवक सड़कों पर बेकार घूम रहे हैं। तलाटी तक की नौकरी के लिए लाखों रुपये की घूस देनी पड़ती है। क्या यही है गुजरात का विकास मॉडल ?’
नेपाल में चार प्रमुख राजनैतिक दलों नेपाली कांग्रेस, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले), नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और मधेसी पीपुल्स राइट्स फोरम (डेमोक्रेटिक) के बीच 16 सूत्री समझौते पर सहमति के बाद शुरू हुई संविधान के प्रारूप की प्रक्रिया को दो विपरीत ध्रुवों का आक्रामक विरोध झेलना पड़ रहा है।
नेपाल में भूकंप के बाद संविधान निर्माण की प्रक्रिया को लेकर विभिन्न दलों के प्रयासों में गंभीरता और तेजी तो आई, लेकिन अभी कुछ मसले अटके हुए हैं। इन्हें पाटने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय भी सक्रिय हुआ है। इस संदर्भ में विदेश मंत्रालय ने नेपाल और भारत में प्रमुख नेपाली राजनीतिक दलों के चुनिंदा नेताओं से बातचीत का क्रम शुरू कर दिया है।