भूकंप का केन्द्र इस्लामाबाद के पूर्वोत्तर में महज 15 किलोमीटर दूर मरगल्ला की पहाडि़यों में 26 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। नेपाल में भी 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया
नेपाल में भूकंप के बाद संविधान निर्माण की प्रक्रिया को लेकर विभिन्न दलों के प्रयासों में गंभीरता और तेजी तो आई, लेकिन अभी कुछ मसले अटके हुए हैं। इन्हें पाटने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय भी सक्रिय हुआ है। इस संदर्भ में विदेश मंत्रालय ने नेपाल और भारत में प्रमुख नेपाली राजनीतिक दलों के चुनिंदा नेताओं से बातचीत का क्रम शुरू कर दिया है।
हम नेपाल को हिंदू राष्ट्र नहीं बनाना चाहते। हमारी पूरी कोशिश है कि यह धर्मनिरपेक्ष देश बना रहे। हालांकि नेपाली कांग्रेस सहित कुछ अन्य पार्टियां हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जोर लगाए हुए हैं।
काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
नेपाल में अर्से से लंबित संविधान क्या इस माह के अंत तक लागू हो पाएगा इसको लेकर नेपाल के सियासी गलियारे में चर्चाएं तेज हैं। क्योंकि संविधान लागू होते ही नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के साथ हुए समझौते के मुताबिक सीपीएन-यूएमएल के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा और इसके नेता केपी ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनेंगे।
कैग की एक रिपोर्ट में सेंसर बोर्ड द्वारा वर्ष 2012-15 के दौरान कई शर्तों की अवहेलना के लिए और किसी कानून या प्रावधान पर ध्यान दिए बिना ही 172 ए श्रेणी की कई फिल्मों को यूए श्रेणी में डाले जाने तथा यू श्रेणी की 166 फिल्मों को यूए श्रेणी में डाले जाने की आलोचना की है। यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब में मिली है।
नेपाल के राजनीतिक दल नए संविधान को अंगीकार करने के मुहाने पर पहुंच गए हैं। नेपाल की संविधान मसौदा समिति ने एक बड़ी सफलता के तहत लंबे समय से लंबित संविधान के प्रथम मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस संविधान के लागू हो जाने पर नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश के रूप में पहली बार मान्यता मिलेगी।