देश में क्रिकेट के सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के निर्देशों को लागू करने में बागी तेवर अपनाने और राज्य संगठनों को जल्दबाजी में करीब 400 करोड़ रूपये बांटने को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आज उच्चतम न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
राज्य संघों को मोटी रकम आवंटित करने समेत कई अहम मसलों पर बीसीसीआई द्वारा लोगों को गुमराह करने पर कड़ा एतराज जताते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आर एम लोढा समिति ने आज कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके निर्देशों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
न्यायमूर्ति आरएम लोढा पैनल की सिफारिशों का पालन नहीं करने पर उच्चतम न्यायालय द्वारा फटकार लगाये जाने के बाद विवादों में घिरे बीसीसीआई के पास कल मुंबई में होने वाली विशेष आम बैठक (एसजीएम) में इन सुधारों को पूरी तरह से अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट के कारण आलोचनाओं में घिरी बीसीसीआई शुक्रवार को होने वाली विशेष आम बैठक में सीनियर राष्ट्रीय चयनकर्ता गगन खोड़ा और जतिन परांजपे को हटा सकती है।
उच्चतम न्यायालय ने आज गैरशिक्षण पृष्ठभूमि के एक व्यक्ति की प्रतिष्ठित अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति के रूप में नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया। कुलपति के पद पर पूर्व सैन्य अधिकारी जमीरउद्दीन शाह की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह सवाल उठाया।
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बलात्कार के एक मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही अदालत ने एम्स को एक मेडिकल बोर्ड गठित कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति पता करने को कहा।
पुरूष हॉकी टीम और सेना के रोवर दत्तू बबन भोकनलाल को छोड़कर भारत के लिए रियो ओलंपिक का पहला दिन निराशाजनक रहा। पुरूष हॉकी टीम ने जहां ओलंपिक में पहला लीग मैच नहीं जीत पाने का 12 साल पुराना कलंक धो दिया वहीं भोकनलाल पुरूषों के एकल स्क्रल में अपनी हीट में तीसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। इन दोनों को छोड़कर भारतीय दल को निशानेबाजी, टेनिस, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में निराशा ही हाथ लगी।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने बीसीसीआई में सुधारवादी कदमों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निशाना साधते हुए उन कदमों को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया है।
अगले छह महीनों में न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के दबाव के बीच बीसीसीआई ने अपनी विशेष आम सभा की बैठक आहूत की जिसमें उच्चतम न्यायालय के फैसले के दूरगामी प्रभावों पर चर्चा की जाएगी।