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Search Result : "न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर"

हाईकोर्ट जज ने अपने ही तबादले के आदेश पर लगाई रोक

हाईकोर्ट जज ने अपने ही तबादले के आदेश पर लगाई रोक

एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में मद्रास हईकोर्ट के न्यायमूर्ति कर्णन ने अपने ही तबादले के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्थगन लगा दिया है। प्रधान न्यायाधीश ने विवादों के लिए मशहूर मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी. एस. कर्णन का तबादला कलकत्ता उच्च न्यायालय कर दिया था।
निष्पक्षता से हो राज्यपाल के अधिकारों का इस्तेमाल: सुप्रीम कोर्ट

निष्पक्षता से हो राज्यपाल के अधिकारों का इस्तेमाल: सुप्रीम कोर्ट

अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर सुनाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि किसी मुख्यमंत्री के विशिष्ट अधिकार को राज्यपाल नहीं हड़प सकते। साथ ही अदालत ने कहा कि संविधान में राज्यपालों के सीमित अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल लोकतंत्र की अक्षुण्णता सुनिश्चित करने के लिए न्यायोचित और निष्पक्ष तरीके से किया जाना चाहिए।
धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिए दायर सुधारात्मक याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी।
डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
दादरी कांड के जिम्मेदार थे भाजपा के तीन लोग: मुलायम

दादरी कांड के जिम्मेदार थे भाजपा के तीन लोग: मुलायम

समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि कार्यकर्ताओं के बीच ज्यादा समय बिताने और गलती करने पर सरकार की नकेल कसने के लिए ही वह खुद मुख्यमंत्री नहीं बने। उन्होंने दादरी कांड का जिक्र करते हुए कहा कि घटना में भाजपा से जुड़े तीन लोग शामिल थे और प्रधानमंत्री चाहें तो वह उनका नाम बता सकते हैं।
अरुणाचल के राजनीतिक संकट का मसला संविधान पीठ को

अरुणाचल के राजनीतिक संकट का मसला संविधान पीठ को

उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संघर्ष के संदर्भ में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के कुछ आदेशों से संबंधित याचिकाओं को आज संविधान पीठ को सौंप दिया। न्यायमूर्ति जे.एस. खेहड़ और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की पीठ ने कहा कि यह मामला राज्यपाल, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अधिकारों के सांविधानिक प्रावधानों से संबंधित है। इसलिए इस पर वृहद पीठ द्वारा विचार की आवश्यकता है।
सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश:
आस्ट्रेलिया दौरा: टीम इंडिया में युवराज, जडेजा और शमी की वापसी

आस्ट्रेलिया दौरा: टीम इंडिया में युवराज, जडेजा और शमी की वापसी

बीसीसीआई ने शनिवार को आस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया। टीम में अनुभवी युवराज सिंह और आशीष नेहरा के साथ ही रविंद्र जडेजा की वापसी हुई है। वहीं पंजाब के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बरेंदर सरन और बड़ौदा के हरफनमौला हार्दिक पंड्या को नए चेहरे के तौर पर भारतीय टीम में शामिल किया गया है। टीम की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी करेंगे।
डीडीसीए दूध का धुला है तो बीसीसीआई और हाईकोर्ट ने क्यों रोका: बेदी

डीडीसीए दूध का धुला है तो बीसीसीआई और हाईकोर्ट ने क्यों रोका: बेदी

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने शुक्रवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस खेल संस्था में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिये अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
एनसीआर में बड़ी डीजल गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक समेत कई पाबंदियां

एनसीआर में बड़ी डीजल गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक समेत कई पाबंदियां

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए सख्त कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल एसयूवी और कारों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पंजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। फिलहाल यह रोक अगले साल 31 मार्च तक के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पीठ ने एक और अहम निर्देश देते हुए 2005 से पहले के पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी है।
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