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Search Result : "न्यायमूर्ति मुजफ्फर हुसैन अत्तर"

हाईकोर्ट जज ने अपने ही तबादले के आदेश पर लगाई रोक

हाईकोर्ट जज ने अपने ही तबादले के आदेश पर लगाई रोक

एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में मद्रास हईकोर्ट के न्यायमूर्ति कर्णन ने अपने ही तबादले के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्थगन लगा दिया है। प्रधान न्यायाधीश ने विवादों के लिए मशहूर मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी. एस. कर्णन का तबादला कलकत्ता उच्च न्यायालय कर दिया था।
निष्पक्षता से हो राज्यपाल के अधिकारों का इस्तेमाल: सुप्रीम कोर्ट

निष्पक्षता से हो राज्यपाल के अधिकारों का इस्तेमाल: सुप्रीम कोर्ट

अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर सुनाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि किसी मुख्यमंत्री के विशिष्ट अधिकार को राज्यपाल नहीं हड़प सकते। साथ ही अदालत ने कहा कि संविधान में राज्यपालों के सीमित अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल लोकतंत्र की अक्षुण्णता सुनिश्चित करने के लिए न्यायोचित और निष्पक्ष तरीके से किया जाना चाहिए।
मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

यह लगभग चार साल पहले की बात है। भारत में अफसानानिगार सआदत हसन मंटों की 100वीं जन्मशताब्दी मनाई जा रही थी। दिल्ली और पंजाब में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। इस सिलसिले में एक कार्यक्रम दिल्ली में भी आयोजित हुआ जिसमें मंटो पर बात करने के लिए पाकिस्तान से कई अफसानानिगार और बुद्धिजीवि आए। उसी कार्यक्रम में पाकिस्तान के मशहूर उर्दू कहानिकार और पत्रकार इंतिजार हुसैन भी आए थे। वहीं उनसे पहली मुलाकात रही। हमेशा से इंतिजार हुसैन उतने ही भारतीयों के भी रहे जितने वह पाकिस्तान के थे। वह भी मंटो की बेबाक लेखनी के दीवाने थे। इंतजार साहब का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के दिबाई गांव में हुआ था। मंगलवार को 93 वर्षीय इस लेखक का पाकिस्तान में निधन हो गया। भारत में किस प्रकार सोशल मीडिया पर लोगों ने इंतिजार साहब को याद किया-
आईएसआईएस के खतरे पर मुस्लिम धर्मगुरूओं से मिले राजनाथ

आईएसआईएस के खतरे पर मुस्लिम धर्मगुरूओं से मिले राजनाथ

आईएसआईएस की ओर से भारतीय नौजवानों को कथित तौर पर आकर्षित करने के प्रयासों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज देश के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरूओं से मुलाकात की और आतंकी समूह के मंसूबों को नाकाम करने में उनका सहयोग मांगा।
धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिए दायर सुधारात्मक याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी।
डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
पाक हमला: आतंकियों से हीरो की तरह लड़ शहीद हुआ प्रोफेसर

पाक हमला: आतंकियों से हीरो की तरह लड़ शहीद हुआ प्रोफेसर

पाकिस्तान के बाचा खान यूनिवर्सिटी पर बुधवार की सुबह हुए आतंकी हमले में छात्रों की हिफाजत करने के लिए विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने कफी देर तक आतंकियों का मुकाबला किया। यूनिवर्सिटी में रसायनशास्त्र के असिस्टेंट प्रफेसर सैयद हामिद हुसैन ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से काफी देर तक आतंकियों काे चुनौती दी और अपने छात्रों की जान बचाते हुए आखिर में शहीद हो गए। आतंकी हमले में बचे छात्रों ने अपने इस प्रोफेसर के कारनामे के बारे में जानकारी दी है।
मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है मुसलमान। मगर सबसे बड़ा यह अल्पसंख्यक संपन्न अल्पसंख्यक नहीं है। उसे 68 साल से लगातार बैसाखियों की जरूरत पड़ती रही है, मगर उसे अक्सर यह बैसाखी या तो टूटी हुई मिली है या मिली ही नहीं। सवा 12 साल पिछले और डेढ़ साल इस सरकार का छोड़ दें तो आजाद भारत करीब 54 साल ऐसे गुजरे हैं जब देश की सत्ता कांग्रेस के हाथों में रही है। सबसे बड़े अल्पसंख्यक मुसलमान को ज्यादातर जो बैसाखी मिली हैं वह इसी कांग्रेस के राज में दी गईं, तो मुसलमान की हालत इतनी खराब क्यों है।
सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश:
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