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Search Result : "न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा"

फिर आएगी सम-विषम योजना, केजरीवाल कल करेंगे एलान

फिर आएगी सम-विषम योजना, केजरीवाल कल करेंगे एलान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सम-विषम योजना फिर शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि योजना की दूसरी पारी के तारीखों की घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को कर सकते हैं।
निष्पक्षता से हो राज्यपाल के अधिकारों का इस्तेमाल: सुप्रीम कोर्ट

निष्पक्षता से हो राज्यपाल के अधिकारों का इस्तेमाल: सुप्रीम कोर्ट

अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर सुनाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि किसी मुख्यमंत्री के विशिष्ट अधिकार को राज्यपाल नहीं हड़प सकते। साथ ही अदालत ने कहा कि संविधान में राज्यपालों के सीमित अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल लोकतंत्र की अक्षुण्णता सुनिश्चित करने के लिए न्यायोचित और निष्पक्ष तरीके से किया जाना चाहिए।
धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिए दायर सुधारात्मक याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी।
डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
बायोमेट्रिक आधार संख्या संबंधी मामले में मुख्य न्यायधीश को पत्र

बायोमेट्रिक आधार संख्या संबंधी मामले में मुख्य न्यायधीश को पत्र

सिटीजंस फोरम फॉर सिविल लिबर्टीज के सदस्य गोपाल कृष्ण ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखा है। यह पत्र बायोमेट्रिक आधार संख्या के संदर्भ में निजता के अधिकार पर दायर याचिका के संबंध में संविधान पीठ बनाए जाने के न्यायालय के आदेश पर है। न्यायालय के आदेश के बावजूद इस संवैधानिक पीठ का गठन अभी तक नहीं किया गया है। गोपाल कृष्ण का कहना है कि मुख्य न्यायधीश ने स्वंय कहा था कि यह मामला जरूरी है।
सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश:
डीडीसीए मामलों की जांच गैर-कानूनी है : केंद्र

डीडीसीए मामलों की जांच गैर-कानूनी है : केंद्र

केंद्र सरकार ने डीडीसीए मामलों की जांच के लिए दिल्ली की आप सरकार द्वारा गठित जांच आयोग को असंवैधानिक और अवैध घोषित कर दिया है। केंद्र के इस निर्णय से दोनों सरकारों के बीच जारी विवाद के और गहराने की आशंका बढ़ गई है।
गुरदासपुर से अगवा हुए एसपी ने दी सफाई

गुरदासपुर से अगवा हुए एसपी ने दी सफाई

पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर हुए आतंकी हमले से पहले अगवा हुए गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई दी है। उन्‍होंने कहा है कि वह इस हमले के पीड़‍ित हैं न कि संदिग्ध। 31 दिसंबर को गुरदासपुर जिले के एसपी सलविंदर सिंह, उनके दोस्त राकेश और रसोईया मदन गोपाल का उस वक्त अपहरण कर लिया गया था जब देर रात वह एक दरगाह पर माथा टेक कर वापस गुरदासपुर लौट रहे थे।
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