उच्च सुरक्षा वाले तिहाड़ जेल परिसर में आज एक विचाराधीन कैदी फंदे से लटका हुआ पाया गया। उस पर अपनी गर्भवती पत्नी और तीन वषर्ीय बेटे की हत्या का इल्जाम था।
अपनी सजा पूरी कर जेल से रिहा हुए बाॅलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने कहा कि वह आतंकवादी नहीं हैं और 1993 के मुंबई विस्फोटों के मामले में दोषी ठहराए जाने की कड़वी यादों को पीछे छोड़ देना चाहते हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह आतंकी नहीं हैं और उनके नाम के साथ मुंबई ब्लास्ट को न जोड़ा जाए।
फिल्म अभिनेता संजय दत्त आज सुबह पुणे की यरवदा जेल से रिहा हो गए। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने सबसे पहले धरती चूमकर अपना प्यार जताया और बाहर आने के बाद जेल की इमारत को सैल्यूट किया। इसके बाद संजय दत्त वहां से हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए जहां से उन्हें एक चार्टर्ड विमान से मुंबई जाना था। रिहाई के बाद खुद संजय ने कहा कि अपने समर्थकों की वजह से आज वे रिहा हुए हैं।
अभिनेता संजय दत्त 25 फरवरी को पुणे की येरवडा जेल से रिहा होने के बाद मुंबई स्थित अपने घर जाने के लिए चार्टर्ड विमान की सवारी करेंगे। संजय दत्त 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों से जुड़े होने के कारण पुणे जेल में सजा काट रहे हैं। इतने दिनों जेल में किए गए श्रम के लिए उन्हें 500 रुपये से भी कम मेहनताना मिलेगा।
दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस अदालत परिसर में पत्रकारों, जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर हमला करते कैमरे में दिखे वकीलों में से एक यशपाल सिंह को मंगलवार की रात गिरफ्तार कर लिया। खबर लिखे जाने तक उसे तिलक मार्ग थाने में रखा गया था और उससे पूछताछ की जा रही थी। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भीमसेन बस्सी ने मंगलवार को दिन में ही कहा था कि पत्रकारों को कथित तौर पर पीटते हुए कैमरे में कैद हुए दो वकीलों को जरूरत पड़ने पर गिरफ्तार किया जा सकता है।
राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने जमानत की मांग को लेकर आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। पिछल दिनों पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया की पेशी के दौरान हुई मारपीट की घटना को देखते हुए हाईकोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
जेएनयू राष्ट्रविरोधी नारेबाजी मामले में आरोपी जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की सोमवार को कोर्ट में हुई पेशी के दौरान कुछ वकीलों और अन्य द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों के साथ ही पत्रकारों पिटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बुधवार को अंतरिम आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और कोर्ट प्रशासन को कन्हैया की पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने को कहा है। साथ ही अदालत ने पेशी के दौरान कोर्ट रुम में वकीलों, पत्रकारों और अन्य के प्रवेश को भी सीमित कर दिया है।
‘अदालत परिसर में मारपीट के दौरान क्या किसी की हत्या हुई है ?’ यह उत्सुकता या व्यंग्य भरा सवाल नहीं है। दिल्ली की एक अदालत में पत्रकारों के साथ वकीलों के भेष में घुसे तत्वों द्वारा मारपीट और बाहर एक भाजपा विधायक द्वारा हाथ में बंदूक होने पर गोली मार देने के अहंकारी दावे के बाद देश के गृह राज्यमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी है।
जेएनयू में कथित देशविरोधी नारेबाजी के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कन्हैया कुमार पर आज पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान हमला हुआ। बताया जा रहा है कि यह हमला वकीलों के एक समूह ने तब किया जब वहां भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। कुछ वकीलों द्वारा इस घटना की सूचना सुप्रीम कोर्ट को दिए जाने पर उच्चतम न्यायालय ने वकीलों के एक दल को पटियाला हाउस कोर्ट के हालात का जायजा लेने भेजा।
पटियाला हाउस अदालत के अंदर और बाहर वकीलों के कपड़े पहने लोगों के एक समूह ने आज छात्रों और मीडियकर्मियों सहित कम से कम छह लोगों को पीट दिया। इसी अदालत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई होनी थी।