बिहार की पराजय से सीख लेते हुए भाजपा ने यूपी के चुनावी दंगल में नई रणनीति के साथ उतरने की तैयारी कर ली है। भाजपा ने अभी तक अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। वह ऐसा करने की बजाय परिवर्तन यात्राओं पर जोर दे रही है। इसके जरिए न सिर्फ यूपी में अखिलेश सरकार के खिलाफ वह माहौल बनाएगी बल्कि इन यात्राओं में चार नेताओं को चेहरा बनाकर वोट जुटाने के लिए जनता के बीच अपना संदेश भी देने जा रही है।
एक नामी व्यापारिक समूह के युवा प्रबंध निदेशक ने अनौपचारिक बातचीत में मुझसे कहा था-‘कंपनी के कार्यकारी निदेशक रिश्ते में हमारे ताऊजी हैं और मैं पैर छूकर उनका अभिवादन करता हूं, लेकिन अब कामकाज के मामले उनकी बातें और पारंपरिक नीतियां मुझे कतई स्वीकार नहीं हैं।’ मेरी नजर में यह रवैया पाखंड ही कहा जाना चाहिए।