Advertisement

Search Result : "पीडीपी प्रमुख"

पचौरी ने आइपीसीसी प्रमुख पद छोड़ा

पचौरी ने आइपीसीसी प्रमुख पद छोड़ा

यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे राजेंद्र के पचौरी ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आइपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पैनल की नैरोबी में चल रही बैठक में पचौरी ने हिस्सा नहीं लिया। आइपीसीसी के मंगलवार से शुरू हुए तीन दिन के 41वें सत्र में पचौरी के इस्तीफा देने के फैसले का ऐलान किया गया।
भाजपा-पीडीपी समझौते से हल होंगे सवाल?

भाजपा-पीडीपी समझौते से हल होंगे सवाल?

जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी सरकार बनाने के लिए कई मुद्दों पर सहमति बनाते दिख रहे हैं। लेकिन अनुच्छेद 370 और सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम जैसे मुद्दों को लेकर जो सवाल हैं वह हल हो जाएगा।
चिदंबरम ने दी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख को चुनौती

चिदंबरम ने दी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख को चुनौती

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ई वी के एस इलनगोवन के बीच कई हफ्तों से जारी मतभेदों के बीच चिदंबरम ने अपने छह समर्थकों के निष्कासन को लेकर एआईसीसी से हस्तक्षेप करने की मांग कर शनिवार को प्रदेश प्रमुख को सीधी चुनौती दी है।
भाजपा- पीडीपी का होगा गठजोड़

भाजपा- पीडीपी का होगा गठजोड़

जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार के गठन की घोषणा जल्द हो सकती है जिसमें अनुच्छेह 370 और आफस्पा जैसे विवादास्पद मुद्दों को शामिल करते हुए काफी सावधानी पूर्वक तैयार न्यूनतम कार्यक्रम का मसौदा शामिल है।
टेरी प्रमुख पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप

टेरी प्रमुख पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप

ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान के प्रमुख आर के पचौरी पर उनके दफ्तक में काम करने वाली महिला सहयोगी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने पचौरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
शिवलाल यादव होंगे नए बीसीसीआई प्रमुख?

शिवलाल यादव होंगे नए बीसीसीआई प्रमुख?

पूर्व क्रिकेटर शिवलाल यादव को श्रीनिवासन का समर्थन प्राप्त है और अगर चुनाव नहीं होते हैं तो पूर्वी क्षेत्र की इकाइयां भी उन्हें अध्यक्ष बनाने पर हामी भर सकती हैं।
खिल गया कमल पर मिशन अधूरा

खिल गया कमल पर मिशन अधूरा

जम्मू-कश्मीर और झारखंड की नई विधान सभाएं के साथ 2014 का चुनावी साल समाप्त हुआ। एक तरह से यह पूरा साल गहराते हिंदुत्व के एजेंडे के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का साल रहा।
सत्ता के ऊपर ज्ञान, व्यक्तियों के ऊपर विवेक

सत्ता के ऊपर ज्ञान, व्यक्तियों के ऊपर विवेक

चुनिंदा नायकों या खलनायकों की भूमिका पर जरूरत से ज्यादा जोर देने के कारण इतिहास का सम्यक विवेचन नहीं हो पाता। जैसे गांधी, नेहरू, पटेल, जिन्ना और माउंटबेटन पर ज्यादा जोर देने से हमें भारत विभाजन के बारे में कई जरूरी प्रश्‍नों के उत्तर नहीं मिलते। मसलन, देसी मुहावरे में आम जनता को अपनी बात समझाने में माहिर और उनमें आजादी के लिए माद्दा जगाने वाले गांधी अपने तमाम सद्प्रयासों के बावजूद नाजुक ऐतिहासिक मौके पर आम हिंदू-मुसलमान को एक-दूसरे के प्रति सांप्रदायिक दरार से बचने की बात समझाने में क्यों विफल रहे, नोआखली जैसी अपनी साक्षात उपस्थिति वाली जगह को छोडक़र? जिन्ना की महत्वकांक्षा और जिद को कितना भी दोष दें, कलकत्ता और अन्य जगहों का आम मुसलमान क्यों उनके उकसावे पर पाकिस्तान हासिल करने के लिए खून-खराबे पर उतारू हो गया?
Advertisement
Advertisement
Advertisement