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Search Result : "पूर्वोत्तर नाइजीरिया"

नाइजीरिया में जल्‍द होगी भारतीय चावल-दलहन की खेती

नाइजीरिया में जल्‍द होगी भारतीय चावल-दलहन की खेती

चावल और दलहन की भारतीय किस्मों की खेती जल्द नाइजीरिया में शुरू हो सकती है। नाइजीरिया बड़ी मात्रा में खाद्यान्न का आयात करता है। अपनी अर्थव्यवस्था को विविधता देने के लिए नाइजीरिया तेल एवं गैस कारोबार के विकल्प के रूप में कृषि पर ध्यान देना चाहता है।
इंफाल के नगर निकाय में कांग्रेस का बोर्ड बना, भाजपा का खाता खुला

इंफाल के नगर निकाय में कांग्रेस का बोर्ड बना, भाजपा का खाता खुला

इंफाल म्युनिसीपल कॉरपोरेशन के चुनाव में आठ सीटें जीतकर कांग्रेस ने बोर्ड गठन कर लिया है। हालांकि, पूर्वोत्तर में जड़ें फैला रही भारतीय जनता पार्टी ने यहां खाता खोल दिया है। यहां भाजपा के पांच पार्षद जीते हैं। दो जून को चुनाव कराए गए थे। मंगलवार को नतीजे आए।
असम जीतने के हफ्ते भर में पूर्वोत्तर पर सौगातों की झड़ी

असम जीतने के हफ्ते भर में पूर्वोत्तर पर सौगातों की झड़ी

असम में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार गठन के हफ्ते भर के भीतर ही केंद्र सरकार ने समूचे पूर्वोत्तर में सौगातों की झड़ी लगा दी है। असम समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को विशेष राज्य की दर्जा देकर ढेरों आर्थिक पैकेज दिए गए हैं। पूर्वोत्तर के मिजोरम और मणिपुर को रेलवे के ब्रॉडगेज नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। इसके अलावा भी ढांचागत और सामाजिक क्षेत्र की दसियों परियोजनाएं असम और पूर्वोत्तर के लिए घोषित की गई हैं।
भाजपा की नजर अब पूर्वोत्तर के  अन्य राज्यों पर

भाजपा की नजर अब पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों पर

भारतीय जनता पार्टी ने असम को आधार बनाकर संपूर्ण पूर्वोत्तर में न केवल अपना जनाधार बढ़ाना आरंभ कर दिया है, बल्कि उसी दिशा में आगे बढ़ चुकी है। वैसे भी गुवाहाटी पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार है और गुवाहाटी में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार बन चुकी है। उसी तरह भाजपा अब दिसपुर में प्रवेश करने के बाद संपूर्ण पूर्वोत्तर में अपना प्रभाव बढ़ाने के अभियान में लग गई है।
शाह की गर्जना, कहा जो कांग्रेस के साथ जाएगा, खतम हो जाएगा

शाह की गर्जना, कहा जो कांग्रेस के साथ जाएगा, खतम हो जाएगा

असम में सत्‍ता हासिल करने के बाद भाजपा के हौंसले बुलंद हैं। पार्टी को केरल में भी संतोषप्रद सफलता मिली है। पहला मौका है जब भाजपा ने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है। ऐसी सफलता के साथ ही उसने अब उत्‍तर प्रदेश की ओर ध्‍यान देना शुरु कर दिया है।
लोकसभा में उठी पूर्वोत्तर राज्यों से आफ्सपा हटाने की मांग

लोकसभा में उठी पूर्वोत्तर राज्यों से आफ्सपा हटाने की मांग

लोकसभा में बुधवार को कई सदस्यों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र से (आफ्सपा) सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून हटाने की मांग की। क्षेत्र के समग्र विकास और वहां के युवाओं को देश की मुख्यधारा से जोड़ने की राह में आफ्सपा को बड़ी बाधा बताते हुए सदन में कई दलों के सदस्यों ने सरकार से इसे वापस लेने पर विचार करने का आग्रह किया।
पूर्वोत्तर राज्यों के प्राइमरी में ट्रंप, हिलेरी ने हासिल की बड़ी जीत

पूर्वोत्तर राज्यों के प्राइमरी में ट्रंप, हिलेरी ने हासिल की बड़ी जीत

अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के शीर्ष दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने सभी पांच पूर्वोत्त्तर राज्यों में हुए प्राइमरी चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कर ली है। वहीं डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने की शीर्ष दावेदार हिलेरी क्लिंटन ने भी चार राज्यों में जीत दर्ज कर अपनी बढ़त को और मजबूत बनाया है।
हिलेरी और ट्रंप का पूर्वोत्तर के जरिये वापसी पर जोर

हिलेरी और ट्रंप का पूर्वोत्तर के जरिये वापसी पर जोर

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के प्रमुख दावेदार, हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप ने अपने लिए अनुकूल माने जाने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी जीत हासिल करने की दिशा में प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। उनकी कोशिश है कि वह डेलीगेट्स का भारी समर्थन हासिल करके अपने प्रतिद्वंद्वियों के समक्ष ऐसी चुनौती पेश करें, जिससे पार पाना उनके लिए संभव ही न हो।
पोप ने धोए मुस्लिम प्रवासियों के पांव, बोले हमलोग भाई-भाई

पोप ने धोए मुस्लिम प्रवासियों के पांव, बोले हमलोग भाई-भाई

ब्रसेल्स हमलों के बाद भड़की मुस्लिम विरोधी भावनाओं के बीच पोप फ्रांसिस ने मुस्लिम, ईसाई एवं हिंदू शरणार्थियों को एक ही ईश्वर की संतान बताते हुए उनके पैर धोए और उन्हें चूमा।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
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