आनंद एल राय निर्माता के रूप में शायद ‘तनु वेड्स मनु’ से आगे कुछ चाह रहे थे। इस बार उन्होंने निर्देशन की बागडोर आर एस प्रसन्ना के हाथों में दे दी। फिल्म के कई संवादों पर खूब तालियां बजीं, ठहाके भी लगे। बालकनी में बैठने वाले शायद सीटी न बजा पाएं पर जो लोग ड्रेस सर्किल में बैठते हैं उनके लिए उसकी पूरी छूट है। इसका सिर्फ इतना सा कारण है कि फिल्म पहली बार सेक्स करने में अक्षम पुरुष पर खुल कर बात करती है।
राजौरी गार्डन उपचुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की नाकामी के बाद जो लोग केजरीवाल की राजनीति को खत्म मान चुके थे, बवाना का नतीजा उनकी राय बदलने के लिए काफी है।
एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय पर सीबीआई की छापेमारी से मीडिया जगत में हलचल तेज हो गई है। सोमवार को प्रणय रॉय पर हुई इस कार्रवाई को लेकर पत्रकारों द्वारा काफी तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही है।
एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय पर हुई सीबीआई की कार्रवाई को लेकर कुछ नेताओं के बयान आए हैं। वहीं कुछ नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जहां मीडिया जगत में इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण हमला माना जा रहा है, वहीं राजनीतिक हलकों में भी कुछ नेता प्रणय रॉय और एनडीटीवी के समर्थन में उतर आए हैं। लेकिन कई बड़े नेता जो अक्सर अलग-अलग मसलों पर ट्वीट करते रहते हैं उनका यहां मौन रहना समझ से परे है।