राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज भोपाल के राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी में सुप्रीम कोर्ट के जजों की चौथी रीट्रीट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश एवं अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों को इस रीट्रीट के आयोजन पर बधाई दी जिसके जरिये देश के सामने मौजूद चुनौतियों के साथ-साथ न्यायिक विवादों और निर्णयों के वैश्विक और पारदेशिक तत्वों पर विचार-विमर्श का मौका उपलब्ध होता है।
`न्यू डेल्ही टेलीविजन (एनडीटीवी)’ के एक्जीक्यूटिव को-चेयरपर्सन डॉक्टर प्रणव रॉय को प्रतिष्ठित `लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सेलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एकेडेमिक्स एंड मैनेजमेंट- 2015’ से नवाजा गया है। `लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ का यह पुरस्कार सोमवार को आयोजित समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. एन. खरे ने प्रदान किया। पुरस्कार के तहत उन्हें पांच लाख रुपए की राशि, एक अभिनंदन पत्र और स्मृति फलक प्रदान किए गए। इस मौके पर डॉ. प्रणव रॉय ने कहा, `सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि वह मानहानि के कानून को कड़ाई से लागू करे। मानहानि के मामले वर्षों चलते रहते हैं। जरूरत इस बात की है कि ऐसे मामलों पर त्वरित सुनवाई की जाए।’
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में देश की 56 विभूतियों को पद्म सम्मान से सम्मानित किया। इनमें से पांच को पद्म विभूषण, आठ को पद्म भूषण और 43 को पद्म श्री से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई गण्यमाण्य लोग मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पाकिस्तान के लोगों को उनके राष्ट्रीय दिवस पर बधाई दी है। कल राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पड़ोसी देश को बधाई देते हुए कहा था कि भारत अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ शांतिपूर्ण, मित्रवत और सहयोगात्मक संबंधों के लिए प्रतिबद्ध है।
श्रीश्री रविशंकर की संस्था की ओर से 11 मार्च से आयोजित होने वाला विश्व सांस्कृतिक समारोह भले ही विवादों के केंद्र में आ गया हो लेकिन यमुना नदी के डूब क्षेत्र में इस भव्य कार्यक्रम के लिए मंच पूरी तरह सज चुका है। इस बीच रविशंकर ने ट्वीट कर कहा है कि राष्टीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से लगाए गए पांच करोड़ रुपये का जुर्माना वह अदा नहीं करेंगे चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बहुत सुलझे हुए अनुभवी और योग्य राजनेता हैं। इंदिरा गांधी से नरेंद्र मोदी तक के सत्ता काल में उन्होंने केंद्र-राज्य संबंधों एवं राज्यपालों की भूमिका को जाना-परखा है। इस दृष्टि से मंगलवार को श्री मुखर्जी ने राज्यपालों के सम्मेलन में किसी का नाम लिए बिना नेक सलाह (निर्देश भी संभव) दी कि ‘संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को संविधान की पवित्रता को अक्षुण्ण रखना चाहिए।’
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज गुजरात विधानसभा द्वारा पारित विवादास्पद आतंकवाद रोधी विधेयक को लौटाते हुए और अधिक सूचना मांगी है। राष्ट्रपति के लौटाए जाने के बाद विधेयक को वापस ले लिया गया।