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Search Result : "प्रथम राज सिन्हा"

जेएनयू में लेफ्ट ही करेगा राज

जेएनयू में लेफ्ट ही करेगा राज

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट मोर्चे ने अपना परचम लहराते हुए चारों सीटों पर कब्जा कर लिया है। अध्यक्ष पद पर मोहित कुमार पांडेय, वाइस प्रेजिडेंट पद पर अमल पीपी, तबरेज हसन जॉइंट सेक्रटरी और सतरूपा चक्रवर्ती को जनरल सेक्रटरी पद पर जीत मिली है।
सलीब पर चढ़ी अकीरा

सलीब पर चढ़ी अकीरा

ए आर मुरुगादॉस की नई फिल्म अकीरा में सोनाक्षी सिन्हा को अक्षय कुमार स्टाइल की ढिशुम-ढिशुम करते देख कर अच्छा तो लगता है पर यदि कहानी में कुछ पेंच न होते तो बात ही क्या थी।
दीपिका और जैक्लीन भी हैं बीपीएल राशन कार्डधारक

दीपिका और जैक्लीन भी हैं बीपीएल राशन कार्डधारक

भले ही बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्रियां दीपिका पादुकोण, जैक्लीन फर्नांडीस, सोनाक्षी सिन्हा और रानी मुखर्जी मुम्बई की बहुमंजिला इमारतों में रहती हों लेकिन उनमें से कई के गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के राशन कार्ड उत्तर प्रदेश के फर्रखाबाद जिले के कायमगंज क्षेत्र में बने हैं, और उन पर बाकायदा राशन भी बांटा जा रहा है।
मुंबई की मालविका : न 10 वीं न 12 वीं, सीधे मैसाचुसेट्स में पढ़ेंगींं

मुंबई की मालविका : न 10 वीं न 12 वीं, सीधे मैसाचुसेट्स में पढ़ेंगींं

17 साल की मालविका राज जोशी के पास 10 वीं या 12वीं की स्कूली डिग्रियां तो नहीं हैं लेकिन उनका दाखिला अमेरिका के प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी एमआइटी में हो रहा है। दरअसल मालविका कंप्यूटर प्रोग्राम में काफी तेज हैं और उन्हें यह विषय बहुत पसंद है। मालविका की मां एक एेसी महिला हैं जो सर्टिफिकेट से ज्यादा ज्ञान को तवज्जो देती हैं और एक अलग तरह का रास्ता चुनने में यकीन रखती हैं।
उसेन को बीफ खाने की सलाह दी गई,  उसने नौ स्वर्ण पदक जीते : उदित राज

उसेन को बीफ खाने की सलाह दी गई, उसने नौ स्वर्ण पदक जीते : उदित राज

भाजपा सांसद एवं दलित नेता उदित राज ने एथलीट उसेन बोल्ट के प्रशिक्षक का हवाला देते हुए अपने एक ट्वीट में यह कहकर आज लोगों को चौंका दिया कि गरीबी में जन्म लेने के बावजूद जमैका के एथलीट उसेन बोल्ट ओलंपिक में नौ स्वर्ण पदक जीत पाए क्योंकि उनके प्रशिक्षक ने उन्हें दिन में दो बार बीफ खाने की सलाह दी थी।
केंद्र के बजाय स्थानीय निकाय जीएसटी संग्रहित करें : राज ठाकरे

केंद्र के बजाय स्थानीय निकाय जीएसटी संग्रहित करें : राज ठाकरे

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि जीएसएटी का संग्रह केंद्र के बजाय स्थानीय निकायों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र जीएसटी में राज्यों को उनका हिस्सा देने में विफल रहता है तो स्थानीय निकाय ढह जाएंगे।
जूआ खेलना कानूनी हुआ तो घरों के घर बरबाद होंगेः कीर्ती आजाद

जूआ खेलना कानूनी हुआ तो घरों के घर बरबाद होंगेः कीर्ती आजाद

देश में प्रभावशाली लोगों का एक तबका सट्टेबाजी और जूए को वैध बनाने की पुरजोर कोशिशों में जुटा है। इनमें नौकरशाही और बड़े कारोबारी शामिल हैं। बीते दिनों दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) के उद्घाटन समारोह में इसकी एक झलक देखने को मिली जब सीबीआई के पूर्व निदेशक रणजीत सिन्हा ने सट्टे और जूए को वैध बनाने की पुरजोर वकालत की। वहीं पूर्व क्रिकेटर और लोकसभा सांसद कीर्ती आजाद ने इसकी यह कहकर मुखालफत की कि इससे गरीब आदमी आर्थिक तौर पर और बर्बाद हो जाएगा। कार्यक्रम में एकमात्र कीर्ती आजाद ऐसे थे जिन्होंने देश में सट्टे और जूए को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया। इस मौके पर कीर्ती आजाद से खास बातचीतः
महाराष्ट्र: मांसाहारी होने के कारण मनसे पार्षद को नहीं मिला फ्लैट

महाराष्ट्र: मांसाहारी होने के कारण मनसे पार्षद को नहीं मिला फ्लैट

महाराष्ट्र में एक पार्षद को मांसाहारी होने के कारण फ्लैट नहीं देने का मामला सामने आया है। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक पार्षद ने पुलिस में दी शिकायत में कहा कि उनके मांसाहारी होने के कारण एक निर्माण कंपनी ने उनको पश्चिमी उपनगर में अपार्टमेंट बेचने से मना कर दिया।
मुंबई में कोर्ट के आदेश की धज्जि‍यां उड़ी, 42 फीट की ऊंचाई पर लटकाई हांडी

मुंबई में कोर्ट के आदेश की धज्जि‍यां उड़ी, 42 फीट की ऊंचाई पर लटकाई हांडी

जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जि‍यां उड़ाई गईं। दही हांडी के लिए 20 फिट से ऊंचे मानव पिरामिड पर कोर्ट ने रोक लगाई थी पर अधिकांश जगह इससे ज्‍यादा ऊंचाई पर हांडी लटकार्इ गई। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। उनकी पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तो 42 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी लटकाई गई।
राष्ट्र द्रोह बनाम राष्ट्र प्रेम

राष्ट्र द्रोह बनाम राष्ट्र प्रेम

राष्ट्र द्रोह का कानून नया नहीं है। ब्रिटिश राज में भी यही कानून लागू था। आजादी के बाद संविधान निर्माता स्वयं राष्ट्र को समर्पित थे और उन्होंने भारत के विरूद्ध किसी तरह के षडयंत्र और गतिविधि को रोकने एवं कड़ी सजा के प्रावधान कर दिए।
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