दुर्गम और अधिक चुनौतिपूर्ण इलाकों से निकाली जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमतों में इजाफे के भारत सरकार के फैसले से एक ओर उत्पादक कंपनियों की मार्केट वैल्यू में जबरदस्त उछाल आया है। दूसरी ओर, रिलायंस इंडस्ट्रीज की सह-स्वामित्व वाली ब्रिटिश कंपनी बीपी ने मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने का संकेत दिया है। इससे केजी बेसिन केजी डी6 ब्लॉक से गैस उत्खनन शुरू किया जा सकेगा। उधर, भारत सरकार के उपक्रम तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) ने केजी-डीडब्ल्यूएन 98/2 क्लस्टर 2 ब्लॉक में गैस उत्खनन में बड़े निवेश का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता के समय से ही बिहार के विकास की अनदेखी करने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उसपर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग का हिस्सा रहने के गुजरे वक्त को भी याद किया जब नीतीश ने यहां कई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया था।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) पर आरोप लगाया है कि उसने पूर्ण नियोजित व सोची समझी रणनीति के तहत बीते छह साल में उसकी लगभग 1.4 अरब डॉलर मूल्य की गैस निकाल ली। ओएनजीसी ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज से उक्त राशि का पूरा मुआवजा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ देने की मांग की है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्लॉक आवंटित होने के बाद भी कई तरह की मंजूरी से परेशान परियोजना बीच में ही छोड़ कर चली गईं कई गैस खनन कंपनियां
ओएनजीसी-रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच प्राकृतिक गैस विवाद मामले में जिम्मेदारी और मुआवजा निर्धारित करने के लिए गठित न्यायमूर्ति ए पी शाह समिति के कार्यक्षेत्र को लेकर निजी क्षेत्र की कंपनी ने चुनौती दी है और सहयोग नहीं करने का फैसला किया है।
सालाना दस लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं को अगले महीने से सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) नहीं मिलेगा। सरकार ने सब्सिडी में कमी के लिए रियायती दरों पर सिलेंडरों की आपूर्ति सीमित करने का फैसला किया है।
भोपाल गैस हादसे मामले में अमेरिकी कैमिकल कंपनी डाउ लगातार अदालत द्वारा जारी किए गए समन की अवहेलना कर रही है। यह लगातार तीसरी बार है जब भोपाल जिला अदालत में पेशी के लिए जारी किए गए समन की अनदेखी कर कंपनी अदालत में पेश नहीं हुई।
दिल्ली में प्रदूषण घटाने के लिए एक दिन छोड़कर कार चलने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव के बाद अब केंद्र सरकार भी कड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। दिल्ली में सीएनजी की उपलब्धता 100 फीसदी बढ़ाने के साथ-साथ पीक आवर में सीएनजी महंगी देने की योजना पर विचार किया जा रहा है।