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Search Result : "प्रितेश मेहता"

चर्चा : चुनावी अवश्वमेघ यज्ञ की तमन्ना। आलोक मेहता

चर्चा : चुनावी अवश्वमेघ यज्ञ की तमन्ना। आलोक मेहता

नरेंद्र मोदी चुनावी चुनौतियों को विजय यात्रा के रूप में मानते रहे हैं। उनके आत्मविश्वास और दिन-रात अभियान चलाने की क्षमता का लोहा उनके सहयोगी ही नहीं विरोधी तक मानते हैं। वह 2014 से निरंतर चुनावी सभाओं को संबोधित करते रहे हैं। चुनावी अश्वमेघ यज्ञ के लिए घोड़ा तैयार कर वह अखिल भारतीय स्तर पर एक ही अभियान में एकछत्र राज का प्रयास भी करना चाहते हैं।
चर्चाः  नेता, सेवक, बाबू या राजा । आलोक मेहता

चर्चाः नेता, सेवक, बाबू या राजा । आलोक मेहता

मध्य प्रदेश ने भी अपने विधायकों का वेतन एक लाख रुपये से ज्यादा कर दिया। उत्तर प्रदेश यह काम पहले ही कर चुका है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी तो विधायकों को हर महीने तीन लाख रुपया देना उचित मानती है। सांसदों का वेतन भी लगातार बढ़ रहा है।
चर्चाः खजाने की उदारता और कंजूसी | आलोक मेहता

चर्चाः खजाने की उदारता और कंजूसी | आलोक मेहता

सरकारी खजाने से कल्याण की उम्मीद सदा रहती है। सत्ताधारी कांग्रेस हो अथवा भाजपा या आम आदमी पार्टी, हर वर्ष बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री जन-हित और सुविधाओं के लिए विभिन्न मदों में उदारतापूर्वक करोड़ों रुपयों का प्रावधान कर देते हैं। लेकिन साल के अंत में बही-खाता खोलने पर पता चलता है कि कई विभागों के लिए रखी गई धनराशि का बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं हुआ।
पर्सनल लॉ पर समिति की रिपोर्ट दाखिल करे केंद्रः सुप्रीम कोर्ट

पर्सनल लॉ पर समिति की रिपोर्ट दाखिल करे केंद्रः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र से उस समिति की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसका गठन मुस्लिमों सहित विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यकों के विवाह, तलाक और संरक्षण से संबंधित पर्सनल लॉ के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए किया गया था।
चर्चाः घर की आग में झुलसती कांग्रेस | आलोक मेहता

चर्चाः घर की आग में झुलसती कांग्रेस | आलोक मेहता

कांग्रेस के पतन का कारण खोजने के लिए ए.के. एंटनी कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही केवल भाजपा, वामपंथी दल या क्षेत्रीय दलों को दोषी ठहराया जा सकता है। अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड का विद्रोह ताजा प्रमाण है।
चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड से अधिक सुंदर पर्वतीय क्षेत्र, विविधता की संस्कृति, भोली भाली संघर्षशील जनता संपूर्ण विश्व में अदभु,त है। स्विट्जरलैंड से कई गुना बेहतर हिम शृंखला हिमालय में है। आजादी के बाद इस क्षेत्र को आवश्यकता और आकांक्षाओं के अनुरूप आर्थिक प्रगति के लाभ नहीं मिले। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने पर उत्तराखंड के लोगों को रोजगार सहित विभिन्न सुख-सुविधाओं की कमी खलती रही। इसीलिए बड़े संघर्ष के बाद उत्तराखंड को छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ अलग राज्य का दर्जा मिला।
चर्चा : घुसपैठ से बड़ा मुद्दा विकास। आलोक मेहता

चर्चा : घुसपैठ से बड़ा मुद्दा विकास। आलोक मेहता

असम विधान सभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने दृ‌िष्टनकोण पत्र में बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की घुसपैठ को प्रमुख मुद्दा बनाया है। घुसपैठ इस क्षेत्र की समस्या रही है, लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग देना उचित नहीं लगता। खासकर यह आरोप लगाना कि तरुण गोगोई नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पिछले 15 वर्षों से घुसपैठ को बढ़वा दे रही थी।
चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

रंगों का त्योहार होली हो या रोशनी का उत्सव दीवाली- समाज के हर वर्ग को साथ मिलकर खुशियां बांटने की प्रेरणा देता है। यूं देश के शीर्ष नेता औपचारिक शुभकामना संदेश देते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीति में सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जिस तरह की जहरभरी पिचकारियां चलती हैं, वह समाज और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बनती जा रही हैं।
चर्चाः दुनिया के बदलते रिश्तों से सीख | आलोक मेहता

चर्चाः दुनिया के बदलते रिश्तों से सीख | आलोक मेहता

दुनिया बदल रही है। दस वर्ष पहले किसने कल्पना की होगी कि हवाना की वायु सीमा में अमेरिकी राष्‍ट्रपति का विमान उड़ सकता है? किसने सोचा होगा कि इस्लामी साम्राज्य के नाम पर होने वाले अंतरराष्‍ट्रीय युद्ध में ईरान जैसा कट्टरपंथी देश अपने दशकों पुराने दुश्मन अमेरिका और उसके सहयोगी यूरोपीय देशों के साथ खड़ा दिखाई देगा?
चर्चाः सत्ता के लिए रास्ता वही पुराना | आलोक मेहता

चर्चाः सत्ता के लिए रास्ता वही पुराना | आलोक मेहता

भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार अब एकछत्र राज के लिए कांग्रेस के पुराने रास्ते को अधिक चमकाकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। सप्ताहांत हुई पार्टी की राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक में दलित, किसान, विकास, राष्ट्रवाद के एजेंडे को जोर-शोर से उछाला गया।
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