राजीव गांधी की वर्ष 1991 में हत्या होने से पांच साल पहले ही अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) ने एक बहुत विस्तृत एवं संपूर्ण रिपोर्ट तैयार की थी कि यदि राजीव गांधी की हत्या हो जाती है या वह भारतीय राजनीति के परिदृश्य से अचानक चले जाते हैं तो क्या होगा।
राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक समर्थक ने उन्हें खुले आम हत्या की चुनौती दी है और उन्हें आशंका है कि वह उत्तर प्रदेश में मारे जा सकते हैं।
राजनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले कन्नूर जिले में कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के 30 वर्षीय एक कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि एक अन्य घटना में थालीपरंबा स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालय पर एक देसी बम फेंका गया। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
महात्मा गांधी की हत्या को लेकर आरएसएस को जिम्मेदार ठहराने संबंधी कथित टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में भिवंडी की एक अदालत ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जमानत दे दी।
उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि राज्य में एक आदिवासी व्यक्ति की कथित हत्या से जुड़े मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर और अन्य के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने से पहले उन्हें चार हफ्तों का अग्रिम नोटिस दे।
छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित सुकमा जिले में एक आदिवासी ग्रामीण की हत्या के आरोप में जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय की एक-एक प्रोफेसर के साथ कुछ माओवादियों और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
वैज्ञानिकों ने एक ऐसे प्रोटीन का पता लगाया है जो मनुष्यों में रीढ़ की हड्डी की चोट से उबरने में अहम साबित हो सकता है और नष्ट हुए उत्तकों की मरम्मत की चिकित्सकीय पद्धति के लिए अहम हो सकता है।
‘सांस्कृतिक रूप से समृद्ध एवं समर्थ प्रदेश में बेटियां कोख में ही मारी जाएं, यह सोंच कर शर्मिंदगी महसूस होती है। प्रदेश के बुजुर्गों को संकल्प लेना चाहिए कि वे बोटियाें को कोख में मरने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूग्राम के ताउ देवीलाल स्टेडियम में हरियाणा स्वर्ण जयंती पर आयोजित रंगारंग समारोह के दौरान जब यह बातें कहीं तो वहां मौजूद तमाम खास-ओ-आम एक पल के लिए शर्मसार हुए बिना नहीं रहा।
उत्तर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था का हाल बेहाल है। यहां कमजाेेर तबके के अलावा अन्य वर्गों के लोगों को भी बदहाल चिकित्सा व्यवस्था का शिकार होना पड़ता है। ताजा वाकया है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का, जहां के एक प्राेफेसर की समय पर एंबुलेंस नहीं मिलनेे पर मौत हो गई।