बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
लगातार बारिश और मैदान गीला होने के कारण आखिरी चार दिन खेल नहीं होने के कारण भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरा टेस्ट क्रिकेट मैच आज यहां डा घोषित कर दिया गया। भारत इस तरह से चार मैचों की शृंखला में अब भी 1-0 से आगे है।
पिछले कुछ हफ्तों में लेखकों वैज्ञानिकों और कलाकारों के सम्मान लौटाने की बाढ़ देखी गई। पुरस्कार लौटाने के जरिये ये सम्मानित और पुरस्कृत लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खड़े हुए हैं। बढ़ती असहिष्णुता और हमारे बहुलतावादी मूल्यों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इन शिक्षाविदों, इतिहासकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के कई बयान भी आए हैं। जिन्होंने अपना पुरस्कार लौटाया है वे सभी साहित्य, कला, फिल्म निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों में से हैं। इस तरह सम्मान लौटाकर उन सभी लोगों ने सामाजिक स्तर पर हो रही घटनाओं पर अपने दिल का दर्द बयान किया है।
देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चल रही बहस को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि विचारों के लिए माहौल बेहतर बनाने के वास्ते सहिष्णुता तथा परस्पर सम्मान जरूरी है और किसी समूह विशेष को शारीरिक क्षति पहुंचाने या अपमानजनक शब्द कहने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
देश में बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच एक महिला कन्नड़ फिल्मकार एवं लेखिका को सोशल मीडिया पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दिए जाने की खबर है।
जानेमाने गीतकार गुलजार ने बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के विरोध में लेखकों की ओर से साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाए जाने को सही बताते हुए कहा कि देश में ऐसे हालात पहले कभी नहीं देखे गए।
गोमांस विवाद पर भाजपा के बचाव की मुद्रा में आने और बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ लेखकों के विरोध के बीच पार्टी प्रमुख अमित शाह ने आज पटना में कहा कि उन राज्यों में हुई घटनाओं के लिए भाजपा को दोषी नहीं ठहराया जा सकता जहां अन्य पार्टियां सत्ता में हैं।
देश में लगातार बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल के बाद हिंदी के जाने-माने साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। इससे पहले उदय प्रकाश भी कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में यह पुरस्कार लौटा चुके हैं।
महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया को मानवता और शांति का संदेश देकर भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने देश को अहिंसा के रास्ते आजादी दिलाई और विश्व को सत्य और प्रेम के माध्यम से एकजुट होकर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया। वह आदमी के द्वारा आदमी का शोषण किए जाने के खिलाफ थे। उन्होंने सत्य को ईश्वर माना और अपने विचारों पर हमेशा दृढ़ रहे। यह बातें राजधानी कालेज में महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लोटने की सौवीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं ने कही।