चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के नाम और उसके चुनाव चिन्ह दो पत्ती पर रोक को बरकरार रखने का फैसला किया है। दरअसल, दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों ने अपने दावों को लेकर ताजा दस्तावेज सौंपने के लिये और वक्त मांगा है।
दिल्ली नगर निगम में पहली बार दांव आजमा रही आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने पर सभी घरों का हाउस टैक्स माफ करने व भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली देने का वादा किया है। हालांकि हाउस टैक्स माफ करने को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल भी खड़े किए हैं लेकिन आप का यह अहम दांव माना जा रहा है। इसके अलावा आप ने अनिधकृत कालोनियों को नियमित करने, पार्किंग समस्या से निजात व फैक्ट्री लाइसेंस खत्म करने जैसे तमाम दांवों का पुलिंदा भी जारी किया है।
अजान लाउडस्पीकर मसला फिलहाल सुलझता नजर नहीं आ रहा है। सोनू निगम के अजान वाले बयान पर पश्चिम बंगाल माइनॉरिटी संगठित काउंसिल के उपाध्यक्ष सय्यद शाह अतेह अली अल कादरी ने सोनू के खिलाफ फतवा जारी कर कहा था कि जो व्यक्ति सोनू निगम का सिर मूंड देगा वह उसे दस लाख रुपये देंगे।
कांग्रेस निगम की सत्ता में आई तो पांच लाख रेहड़ी पटरी वालों को लाइसेंस देगी। इसके अलावा मजदूरों के स्वास्थ्य बीमा तथा गरीबी उन्मूलन जैसे मुद्दों पर काम करेगी। झुग्गी झोपड़ी वालों को उनके स्थान पर ही मकान बनाकर दिए जाएंगे।
स्वराज इंडिया ऐसी पहली पार्टी है जिसने पर्यावरण के मुद्दे को केंद्रीय मुद्दा बनाया है। आज तक किसी पार्टी ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया है। अब पार्टी दिल्ली के स्वास्थ्य निर्माण की दिशा में कदम उठाएगी।
पंजाब और गोवा में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में अपनी प्रचार रणनीति में बदलाव किया है। पिछले दो साल से लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं ने नकारात्मक प्रचार अभियान से बचने का फैसला किया है।
लगता है भाजपा को देश के सारे चुनाव जीतने का वरदान सा मिल गया है। यूपी की रिकार्ड तोड़ जीत के बाद देशभर के उप चुनाव के परिणाम शायद इस ओर ही इशारा कर रहे हैं। परंपरागत दलीय व्यवस्था के बीच देश की राजधानी दिल्ली में वैकल्पिक राजनीति का चेहरा बनकर उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को भी इस बार भाजपा ने पटखनी दे दी है। दिल्ली की पंजाबी बाहुल्य राजौरी गार्डन सीट पर भाजपा ने अपना विजय परचम तो लहराया है, यह भाजपा और मोदी के युग में कोई बड़ी बात नहीं हो सकती लेकिन यहां से सत्ताधारी आप के प्रत्याशी की जमानत का जब्त होना दिल्ली की राजनीति की एक दूसरी तस्वीर अवश्य पेश कर रहा है।
दिल्ली निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए असंतुष्टों का दल बदलने का खेल भी तेज हो गया है। कांग्रेस नेता व डिप्टी मेयर रह चुकी रजिया सुल्ताना व पूर्व पार्षद जमीर अहमद मुन्ना ने आप का दामन थाम लिया है। इससे पार्टी को खासा झटका लगा है।