केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वे बेहतर पारदर्शिता के लिए अपने द्वारा किए गए कार्यों का मासिक आधार पर आॅनलाइन ब्यौरा प्रदान कर अपनी उपलब्धियों को उजागर करें। कैबिनेट सचिवालय ने हाल में इस संबंध में सभी मंत्रालयों के सचिवों को निर्देश जारी किया है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने स्पष्ट किया है कि वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद मामले में नकद भुगतान दो लाख रुपये से अधिक होने पर ही स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) लागू होगी।
रिण भुगतान में जानबूझकर चूक करने वालों की गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए आयकर विभाग ने ऐसी कंपनियों के स्थायी खाता संख्या (पैन) पर रोक लगाने, एलपीजी सब्सिडी रद्द करने और ऐसे कई कदम उठाने का फैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि उन्हें कर्ज न मिले।
हथियारों की दलाली को लेकर लगभग 30 वर्षों तक राजनीति करने वालों ने आखिरकार दिमाग ही नहीं बदला, नियम-कानून भी बदल दिये। राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने हथियारों से सौदों में किसी भी तरह के दलाल और दलाली पर प्रतिबंधात्मक कड़ा कानून बना दिया था और दुनिया के देशों को कहा गया कि रक्षा संबंधी समझौते और खरीदी सीधे सरकारों के माध्यम से ही होगी।
ऑनलाइन खरीदे गये सभी खरीद पर एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। मॉडल जीएसटी कानून में यह कहा गया है। जीएसटी के अगले साल अप्रैल से लागू होने की संभावना है। स्थानीय शुल्क के बदले लगने वाला कर उस जगह लगेगा जहां सबसे पहले वित्तीय लेन-देन किया जाएगा।
केरल में एक कान्ट्रेक्टर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं पर एक बिल्डिंग निर्माण के बाद बकाया रकम नहीं चुकाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। यह भवन पार्टी के लिए बनाया गया है। कान्ट्रेक्टर का आरोप है कि राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलमेंट स्डडीज के निर्माण का भुगतान काफी लंबे समय से लंबित है। कान्ट्रेक्टर की शिकायत पर त्रिवेंद्रम कोर्ट में केस दर्ज कर लिया गया है। कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले को सुलझा लिया जाएगा।
दुनिया की प्रमुख मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में भारत के शामिल होने के बाद अब हम अपनी ब्रह्मोस जैसी उच्च तकनीकी मिसाइलें मित्र देशों को बेंच सकेंगे। साथ ही अमेरिका से ड्रोन विमान खरीद सकेंगे। एमटीसीआर के सदस्यों ने भारत को समूह में शामिल करने पर सहमति जताई। 34 सदस्य देशों में से किसी ने भारत का विरोध नहींं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के संदर्भ में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत जेपी समूह की कंपनियों पर वित्तीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। समूह ने करीब 4,460 करोड़ रुपये के रिण और अन्य भुगतान में चूक या डिफॉल्ट किया है। एकीकृत आधार पर समूह बैंकों को 2,905.6 करोड़ रुपये की मूल राशि तथा अन्य 1558.93 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा है।
यदि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक हैं और उनसे मिलने की इच्छा रखते हैं तो यह इच्छा आपकी पूरी हो सकती है। इसके लिए आपको पांच मिनट में 20 सवालों के जवाब देने होंगे। आप पांच मिनट में 20 सवालों के जवाब दे देते हैं तो आपको एक प्रमाणपत्र मिलेगा जिस पर पीएम मोदी के हस्ताक्षर होंगे और उनसे मुलाकात का मौका भी आपके पास होगा।