अक्सर सुर्खियों में रहने वाले मशहूर अभिनेता कमल हासन एक बार फिर ‘बिग बॉस’ के तमिल संस्करण के लेकर विवादों से घिर गए हैं। उन पर मानहानि का केस दर्ज किया गया है।
देश आज चौराहे पर खड़ा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सही रास्ता कहां है। ऐसे में यह जरूरी है कि देशवासी संविधान द्वारा बताए गए रास्ते पर चलें जिससे देश में शांति कायम हो सके। ये बातें आज जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने आज कहीं। उन्होंने कहा कि गुरुवार (17 अगस्त) को नई दिल्ली में ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन में विरोधी दलों के नेताओं के अलावा बुद्धिजीवी, किसान, बेरोजगार युवा, दलित और देश के सभी हिस्से के आदिवासी भाग लेंगे।
आतंकी कमांडर बुरहान वाली की बरसी से एक दिन पहले यानि 7 जुलाई को कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के बयान पर अपनी कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सोज ने कहा था कि मेरा बस चलता तो मैं बुरहान को जिंदा रखता और उससे बात करता।
हिंसा की आग में पिछले कई दिनों से सुलग रहे सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में शुक्रवार को पहली बार खुशी का महौल देखने को मिला। इस खुशी का कारण कुछ और नहीं बल्कि एक दलित परिवार में दो बहनों की शादी को लेकर था। शादी की वजह से गांव में कई दिनों के बाद खुशी का माहौल दिखा।
एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग पर उसकी भारतीय पत्नी को अगवा करने का आरोप लगाने के मामले में एक नया मोड़ आया है। उस भारतीय महिला उज्मा ने पाकिस्तानी नागरिक ताहिर खान पर यौन उत्पीड़न और बंदूूूक की नोक पर निकामनामे पर दस्तखत कराने का आरोप लगाया है।
साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथप्रसाद तिवारी का मानना है कि संस्कृति एवं परंपराओं के संरक्षण के लिए जारी कोशिशों के बावजूद पूंजीवादी उपभोक्तावाद का लोक-संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
कभी भारतीय हाकी की दीवार कहे जाने वाले डिफेंडर दिलीप टिर्की नक्सलवाद की राह पर जा रहे आदिवासी युवाओं को बंदूक की बजाय हाकी स्टिक थामने के लिये प्रेरित कर रहे हैं और कभी हाकी की नर्सरी रहे इलाके में इसी प्रयास के तहत दुनिया का सबसे बड़ा ग्रामीण हाकी टूर्नामेंट इस सप्ताह शुरू होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की नेवाडा में चल रही रैली के दौरान भीड़ में से किसी व्यक्ति के बंदूक बंदूक कहकर चिल्लाने के बाद सीक्रेट सर्विस के एजेंट ट्रंप को मंच से ले गए।
दीप सज गए। गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती की आराधना के लिए संपूर्ण भारत में धूमधाम होती रहेगी। धन तेरस और दीपावली के उत्सव भारतीय संस्कृति में संपूर्ण समाज के कल्याण, आर्थिक उन्नति एवं सुख-शांति की अवधारणा से जुड़े हुए हैं। समय के साथ रौनक बदली है।
अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, चाइनीज, जर्मन जैसी हर भाषा के अच्छे ज्ञान का सदैव स्वागत होना चाहिए। लेकिन भारत जैसे देश में अंग्रेजी की अनिवार्यता राजनीतिक मजबूरियों और ब्रिटिश विरासत में मिले बाबुई तंत्र के कारण 70 वर्षों में समाप्त नहीं हो सकी।