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Search Result : "बचपन की कहानी"

कहानियों की किताब जिसमें हर कहानी है 140 अक्षरों से कम की

कहानियों की किताब जिसमें हर कहानी है 140 अक्षरों से कम की

जब लेखक और इलस्ट्रेटर मनोज पांडे ने सलमान रश्दी, मार्गरेट एटवुड और तेजू कोले जैसे अपने पसंदीदा लेखकों को उनकी प्रतिक्रिया पाने की आशा में अपने ट्वीट में टैग करना शुरू किया तब वे नहीं जानते थे कि उनकी प्रतिक्रिया भी अपने आप में लघु कहानियां ही होंगी।
मानवीय भावनाओं की कहानी - मंगलसूत्र

मानवीय भावनाओं की कहानी - मंगलसूत्र

सुपरिचित कथाकार। बाल साहित्य पर भी बहुत काम और बच्चों के लिए कई कहानी पुस्तकें प्रकाशित। मोबाइल, लड़की जो देखती पलटकर, नेम प्लेट चर्चित कहानी संग्रह। कई पुरस्कार एवं सम्मान। अखबारों में सामयिक मुद्दों पर लगातार लेखन।
बचपन में पहनने को जूते भी नहीं थे , आज इस वैज्ञानिक ने दान किए 1.1 करोड़ डॉलर

बचपन में पहनने को जूते भी नहीं थे , आज इस वैज्ञानिक ने दान किए 1.1 करोड़ डॉलर

भारतीय मूल के एक अमेरिकी भौतिकविद ने प्रकृति के मूल नियमों की जानकारी को आगे बढ़ाने के प्रति समर्पित एक केंद्र स्थापित करने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय को 1.1 करोड़ डॉलर की राशि दान में दी है।
अण्णा की कहानी फिल्म की जबानी

अण्णा की कहानी फिल्म की जबानी

अण्णा हजारे के जीवन पर एक फिल्म बन रही है। फिल्म का नाम अण्णा है। इस फिल्म का निर्देशन शशांक उडापुरकर ने किया है। इस फिल्म का आधिकारिक पोस्टर लांच किया गया।
मुझे प्यार में है यकीन : यामी गौतम

मुझे प्यार में है यकीन : यामी गौतम

रोमांटिक शैली पसंद करने के कारण ही यामी गौतम ने प्रेम कहानी पर आधारित ‘सनम रे’ और उसके बाद आगामी फिल्म ‘जुनूनियत’ में काम किया। यामी ने कहा, मेरे किरदार ने मुझे बहुत आकर्षित किया क्योंकि ये मेरी पिछली फिल्मों से बहुत अलग है।
कहानी फिल्मी है, हादसे में गई याद्दाश्त हादसे में ही लौटी

कहानी फिल्मी है, हादसे में गई याद्दाश्त हादसे में ही लौटी

सड़क हादसे में याद्दाश्त खो चुके सेना के एक जवान को मृत मान कर उसकी पत्नी के लिए पेंशन शुरू कर दी गई लेकिन सात साल बाद एक अन्य सड़क हादसे ने जवान की याद्दाश्त लौटा दी। आज वह जवान अपने परिवार के साथ है और उसके घर पर त्यौहार जैसा माहौल है।
मौजूदा दौर पर मारक कहानी - एक था राजा

मौजूदा दौर पर मारक कहानी - एक था राजा

व्यंग्य की दुनिया में जाना-पहचाना नाम, 4 व्यंग्य संग्रह, अवधी में दो कविता संग्रह। श्रीलाल शुक्ल संचयिता सहित 9 पुस्तकों का संपादन। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का अवधी कविता और व्यंग्य का पुरसकार। आलोचना के लिए स्पंदन सम्मान।
किताबों के साथ गुजरे बचपन से जवानी में बढ़ती है आमदनी: स्टडी

किताबों के साथ गुजरे बचपन से जवानी में बढ़ती है आमदनी: स्टडी

किताबों के संग गुजारे गए बचपन के पल न सिर्फ मजेदार होते हैं, बल्कि बड़े होने पर आमदनी बढ़ाने की वजह भी बनते हैं। जी हां, एक नए अध्ययन में वयस्कों की आमदनी और किताबों के बीच गुजरे बचपन के साथ उसका गहरा रिश्ता पाया गया।
कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

चिरगांव, झांसी, उ.प्र. में जन्म। जवाहर लाल विश्वविद्याल से पीएच.डी। कहीं कुछ और, किशोरी का आसमां, एक न एक दिन और कुल जमा बीस, ये आम रास्ताव नहीं, कितने कठघरे उपन्यारस। एक नई सुबह, हाट बाजार, प्रेम संबंधों की कहानियां, अस्ताचल की धूप कहानी संग्रह। स्त्री विमर्श पर भी काम। सुनो तो सही ( आलोचनात्मंक पुस्तंक) बहेलिया समय में स्त्रीर दो पुस्तकें पुरस्कांर / सम्मारन, युवा लेखन सर्जना पुरस्काधर ( उत्ततर प्रदेश हिंदी संस्थासन द्वारा ), आर्यस्मृसति साहित्यं सम्मा न (किताब घर प्रकाशन) किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्का‍र, कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कानर, उत्तपर प्रदेश हिंदी संस्था न द्वारा अस्तााचल की धूप कहानी संग्रह पर सर्जना पुरस्कावर। विभिन्नल विश्वविद्यालयों में कई उपन्या सों और कहानी संग्रहों पर शोध कार्य।