वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार दो बजट पेश कर चुके हैं और दोनों ही बजट में खास बात रही है उनका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों के लिए खुलकर फंड की व्यवस्था करना।
खाद्य मूल्य में गिरावट जैसे बाहरी कारकों के अलावा कृषि क्षेत्र की कुछ समस्याएं इस साल के कमजोर मॉनसून से भी बढ़ी हैं। यह भी एक तत्व है कि पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र की दुर्दशा हुई है। सन 2014 में पोषक तथ्व आधारित सद्ब्रिसडी (एनबीएस) शुरू होने से न सिर्फ उर्वरक मूल्य में वृद्धि हुई बल्कि मिश्रित उर्वरक के इस्तेमाल में असंतुलन भी पैदा हुआ। नतीजतन कृषि में मुनाफा कम हो गया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदतर हो गई।
अहमद पटेल और उनके करीबियों को यह पक्का आभास है कि पार्टी के भीतर बन रहे नए केंद्रक के मुताबिक नए तेवर अपनाना जरूरी है। राहुल गांधी के कद को बढ़ाने के लिए भी एक तरफ आम जन के मुद्दों से जुडऩा जरूरी है और दूसरी तरफ कांग्रेस के शीर्ष और निष्प्रभावी नेताओं को किनारे करने के लिए भी रणनीति बनानी जरूरी है। कांग्रेस में दोनों पहलुओं पर विचार तो खूब हो रहा है लेकिन इसका बहुत ठोस फायदा होता दिख नहीं रहा।
नरसिंह राव सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर 1991 में आर्थिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आज पेश किया गया वर्ष 2015-2016 का बजट राजग सरकार के अच्छे इरादों को जाहिर करता है लेकिन इसमें उद्देश्यों को हासिल करने के लिए किसी स्पष्ट योजना का अभाव है।
संसद में आज पेश 2015-16 के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। कंपनी कर में भी अगले वित्त वर्ष के लिये कर-दर में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है, लेकिन एक करोड़ रपये से अधिक की सालाना कमाई पर अधिभार दो प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
धूम्रपान व अन्य तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल अब महंगा होगा। वहीं सेवा कर की दरों में बढ़ोतरी से कई सुविधाएं मसलन होटल में खाना, हवाई यात्रा या बिलों का भुगतान महंगा हो जाएगा।
आम बजट पेश होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों बढ़ गई। पेट्रोल का दाम 3.18 रूपये लीटर और डीजल का दाम 3.09 रूपये लीटर बढ़ाया गया है। नये दाम आज मध्यरात्रि से प्रभावी हो जाएंगे।
आम बजट से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 पेश किया। सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष में 8.1 से 8.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि रहने का अनुमान लगाते हुये बड़े आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है।